राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

जालोर में प्रवासियों के लिए वरदान साबित हो रही 'मनरेगा'...52 हजार परिवारों के मिलेगा रोजगार

कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में काम-धंधे बंद होने के कारण लाखों की तादाद में युवा अपने घर आए थे, जिसमें जालोर जिले में करीब ढाई लाख से ज्यादा प्रवासी युवा आए हैं. इनमें से 52 हजार प्रवासी परिवारों को मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है. वहीं, मनरेगा में रोजगार देने के लिए प्रवासियों के 11 हजार नए जॉब कार्ड भी बनवाए गए हैं.

By

Published : Jun 27, 2020, 11:01 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 2:07 PM IST

jalore news, जालोर न्यूज, प्रवासी मजदूर, Migrant labor
वरदान साबित हो रही है "वरदान मनरेगा योजना"

जालोर.कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर लगे देशव्यापी लॉकडाउन के बाद काम-धंधे पूरी तरह बंद हो गए हैं. लॉकडाउन लगने का कारण हर कोई बड़े शहरों से अपने गांव की तरफ कूच करने लगा. कोई पैदल तो कोई साइकिल से हजारों किलोमीटर का सफर तय करके अपनी मंजिल की ओर पहुंचा.

प्रवासियों को 'मरनरेगा' का सहारा

हालांकि, उसके बाद सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए स्पेशल बसें और ट्रेनें चलाकर श्रमिकों को उनके मंजिल तक पहुंचाया. लॉकडाउन के दौरान जालोर में करीबन ढाई लाख से ज्यादा प्रवासी बेरोजगार होकर घर आ गए थे. उनके लिए अब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना वरदान साबित हो रही है.

मनरेगा योजना में जिले के अलग अलग गांवों में करीबन 52505 प्रवासी परिवारों को रोजगार दिया जा रहा है. जिला परिषद के सीईओ अशोक कुमार सुथार ने बताया कि जिले में लॉकडाउन के दौरान लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा के कार्य शुरू करवाए गए थे. जिसमें उनको रोजगार उपलब्ध करवाया गया. उन्होंने बताया कि जिले के 275 ग्राम पंचायतों के 817 राजस्व गांवों में 3 हजार 475 कार्य स्वीकृत है. जिसमें 1 लाख 62 हजार 677 श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है.

पढ़ेंःमनरेगा कार्यों को लेकर विधायक बाबूलाल नागर ने अधिकारियों को दिए निर्देश

इसमें 52,504 प्रवासी श्रमिकों के परिवार हैं, जिनको प्रवास से आने के बाद मनरेगा में रोजगार उपलब्ध करवाया गया. इसके साथ ही 11 हजार नए जॉब कार्ड बनाये गए. सीईओ अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आने वाले परिवारों में 52504 को रोजगार दिया जा रहा है. इनमें 36800 के पास तो पहले से मनरेगा के जॉब कार्ड बना हुआ था, लेकिन 11 हजार ऐसे परिवार थे जिनके मनरेगा कार्य वाला जॉब कार्ड नहीं बना हुआ था.

पढ़ेंःकलेक्टर ने उठाए गेंती-फावड़ा, कहा- कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता...पूरा काम करो, पूरा दाम लो

ऐसे में जिले के सभी ग्राम पंचायतों में स्पेशल शिविर चलाकर 11 हजार परिवारों के जॉब कार्ड बनाकर 22226 श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार दिया गया. विशेष अभियान में भी किये जा रहे है कार्य स्वीकृत जिले में राज्य सरकार के निर्देश पर प्रत्येक राजस्व गांवों में 22 से 29 जून तक अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत जिले के सभी पंचायत समितियों से करीबन 9 हजार आवेदन आ चुके हैं, जिनके पर्सनल कार्य 29 जून के बाद स्वीकृत करके कार्य शूरू किए जाएंगे.

Last Updated : Jun 28, 2020, 2:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details