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कोरोना की नाकेबंदीः जालोर के इस गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित...सरपंच ने गांव में आने वाले रास्तों को JCB से खुदवाया

कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने मेड़ा ग्राम पंचायत के लोगों ने दूसरे गांव से आने वाले लोगों को रोकने के लिए एक और नया तरीका इजाद किया है. पंचायत ने पुराने और कच्चे रास्तों को खोदकर वहां नाली बना दी है. जिससे गांव की सीमा में दूसरे गांवों के ग्रामीणों का प्रवेश पूरी तरह बंद हो गया.

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मेड़ा ग्राम पंचायत ने सभी रास्तों को JCB से खोदा

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Published : Apr 17, 2020, 3:01 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर).कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अब ग्रामीण इलाके के लोग भी सजग हो चुके हैं. इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला रानीवाड़ा के मेड़ा ग्राम पंचायत में, जहां कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए मेड़ा ग्राम पंचायत के लोगों ने एक नया तरीका इजाद किया है. दूसरे गांव से आने वाले लोगों को रोकने के लिए पंचायत ने पुराने और कच्चे रास्तों को खोदकर वहां नाली बना दी है. जिससे आवागमन को पूरी तरह से बंद हो गया है.

मेड़ा ग्राम पंचायत ने सभी रास्तों को JCB से खोदा

दूसरे गांवों के ग्रामीणों के लगातार मना करने के बावजूद भी इन कच्चे रास्तों से आने के कारण पंचायत ने ये निर्णय लिया है. वो अपने गांव के अंदर किसी दूसरे गांव के व्यक्ति का प्रवेश नहीं चाहते हैं. ग्राम पंचायत मेड़ा ने पहले मुख्य रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया था. इसके बावजूद भी गांव के पुराने रास्ते से ग्रामीणों का आवागमन जारी रहा, जो गांव के लोगों के लिए कभी भी मुसीबत साबित हो सकता था. ऐसे में ग्राम पंचायत ने मेड़ा गांव को इस संक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए एक और अभिनव प्रयास किया. जिसके तहत मेड़ा से कच्चे रास्ते के माध्यम से भी जुड़े हुए जालेरा, तावीदर सहित कई आसपास के गांवों के रास्तों को जेसीबी से खोद दिया. जिससे गांव की सीमा में दूसरे गांवों के ग्रामीणों का प्रवेश पूरी तरह बंद हो गया.

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सरपंच प्रतिनिधि लच्छाराम पुरोहित ने बताया कि, कोरोना वायरस एक संक्रमित बीमारी है और इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है. इस लिए ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए पंचायत ने ये निर्णय लिया है. इसके अलावा जंगल के रास्ते की सीमा को भी सील कर दिया गया है.

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