जालोर.जिले के चितलवाना उपखंड के डूंगरी में रविवार को किसानों ने एक बैठक आयोजित करके टिड्डी प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देने का निर्णय किया है.
टिड्डी प्रभावित किसानों ने की बैठक बैठक में किसानों ने बताया कि सप्ताह भर पहले टिड्डी ने धावा बोला था. उस समय डूंगरी ग्राम पंचायत सहित आसपास के दर्जनो गांवों में रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर दिया था. जिसके बाद अब स्पेशल गिरदावरी की जा रही है, लेकिन पटवारी नुकसान मात्र 50 फीसदी दिखा रहा है. ऐसे में नुकसान का आंकलन कम करने का आरोप लगाते हुए किसान आक्रोशित हैं.
पढ़ेंः जांबाज जवान : बाइक पर दिखाए हैरतअंगेज करतब, सबको रोमांचित किया
किसानों ने कहा कि एक तो सरकार पहले मात्र 13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा दे रही है. साथ ही पटवारी खराबा भी 50 फीसदी ही दिखा रहा है. जिससे मुआवजा ना के बराबर मिलेगा. इसके साथ ही किसानों ने बताया की एक व्यक्ति या उसके परिवार के लोगों ने 5 से 10 हेक्टेयर के बीच जमीन में रबी की फसल की बुआई कर रखी है और सरकार मात्र एक हेक्टेयर का ही देगी. जिसके कारण किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं हो रही है.
प्रधान हनुमान प्रसाद भादू ने बताया कि सरकार किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करे, नहीं तो किसान बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. टिड्डी ने इस क्षेत्र में 4 बार अटैक किया, लेकिन हर बार आसपास के गांवों में होकर निकल गई, लेकिन 20 जनवरी को आई टिड्डी ने डूंगरी, कोलियों की बेरी, डेला, बरसल की बेरी, बंधाकुआ, सेसावा, कागोड़ा, बेनीवालो कि ढाणी, पिथाबेरी, जालबेरी सहित आसपास के गांवों में पड़ाव किया और पूरी रबी की फसल को बर्बाद करके बाड़मेर की तरफ टिड्डी चली गई.
पढ़ेंः जयपुर : हाईकोर्ट में गणतंत्र दिवस समारोह बना ऐतिहासिक, पहली बार महिला जज ने फहराया तिरंगा
अब किसान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जो मुआवजा सरकार दे रही है यह खरीफ की फसल के लिए निर्धारित किया हुआ है. रबी की सीजन में जीरे सहित अन्य फसल की किसानों ने बुआई कर रखी है जो महंगी फसल है.