जालौर. श्रीरामचरितमानस का पाठ करते हुए तो आपने अनेक लोगों को देखा होगा. देश भर में मासिक पारायण, नवाह्न पारायण और अखंड रामायण पाठ का आयोजन विभिन्न स्थानों पर होते हैं. लेकिन, जालोर के रहने वाले भाई-बहन की जोड़ी ने जो कार्य किया, वह अनूठा और अद्भुत है. तीसरी और चौथी कक्षा में पढ़ने वाले भाई माधव, बहन अर्चना ने कोरोना की अवधि में पूरी रामचरितमानस स्वयं पेन और पेंसिल से लिख डाली. उन्होंने 20 कॉपी के 2100 से कुछ अधिक पृष्ठ पर यह कार्य पूरा किया हैं.
सात कांड में पूरी लिखी रामायण...
श्री रामचरितमानस में सात कांड है. अपनी कॉपियों में इन बच्चों ने बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, लंकाकाण्ड एवं उत्तर रामायण को पेन-पेंसिल से लिखा है. माधव ने 14 कॉपियों में बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड और उत्तरकांड लिखी, वहीं छोटी बहन अर्चना ने 6 कॉपियों में किष्किंधाकाण्ड, सुंदरकाण्ड और लंकाकाण्ड का लेखन किया.
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देखा, पढ़ा फिर लिखा...
माधव जोशी ने बताया कि कोरोना में दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण देख कर रामायण पढ़ने की इच्छा जागृत हुई. पहले परिवार के साथ और बाद में दोनों भाई बहन ने मास पारायण और नवाह्न पारायण में श्रीरामचरितमानस का कुल तीन बार पठन किया. इसी दौरान पिता संदीप जोशी के प्रोत्साहन से इनमें रामायण लिखने की इच्छा जागृत हुई. यह दोनों बच्चे जालोर में आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय के विद्यार्थी हैं. अर्चना तीसरी में पढ़ती है, माधव चौथी कक्षा का विद्यार्थी है.