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भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल की राह में कांटे बिछा सकते है जीवाराम चौधरी...

विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज चल रहे पटेल की जाति के ही कद्दावर नेता व पूर्व सांचोर विधायक जीवाराम चौधरी ने निर्दलीय खड़े होने के संकेत दे दिए हैं.

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Published : Mar 31, 2019, 12:19 PM IST

डिजाइन फोटोः देवजी पटेल और जीवाराम चौधरी

जालोर.लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से पहली लिस्ट में देवजी पटेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है जिसके बाद वे अपने प्रचार में जुट गए है, लेकिन उनकी राह इतनी आसान नहीं है.

दरअसल विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज चल रहे पटेल की जाति के ही कद्दावर नेता व पूर्व सांचोर विधायक जीवाराम चौधरी ने निर्दलीय खड़े होने के संकेत दे दिए हैं. जीवाराम चौधरी अगर निर्दलीय चुनाव में उतरते हैं तो यह भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल की राह में मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा से सांचोर से टिकट की दावेदारी कर रहे जीवाराम का भाजपा ने टिकट काट कर युवा नेता व सांसद देवजी पटेल के खेमे के दानाराम चौधरी को टिकट दे दी थी. जिसके बाद जीवाराम चौधरी ने सभा करके देवजी पटेल पर टिकट कटवाने का आरोप लगाकर निर्दलीय ताल ठोकी थी.

जीवाराम चौधरी के नाम से बने फेसबुक पेज पर जारी पोस्ट

निर्दलीय खड़े होने के बावजूद जीवाराम चौधरी को 50 हजार के करीब वोट मिले थे, वहीं भाजपा प्रत्याशी दानाराम को 69 हजार वोट मिल पाए थे. ऐसे में इस बार लोकसभा चुनावों में जीवाराम चौधरी ने पहले भाजपा से टिकट की दावेदारी जताई. उसके बाद जीवाराम कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी रहे. कांग्रेस की वर्तमान सरकार के मंत्री उदयलाल आंजना के साथ अशोक गहलोत से मुलाकात भी की. उसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि चौधरी कांग्रेस में शामिल हो सकते है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

अब सोशल मीडिया फेसबुक पर जीवाराम चौधरी एक्स एमएलए पेज पर डाली गई पोस्टों से साफ इशारा है कि वे लोकसभा चुनावों में देवजी पटेल की जीत को रोकने के लिए निर्दलीय ताल ठोक सकते हैं. अगर ऐसा होता है भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. विश्वस्त कार्यकर्ताओ से कर रहे है राय मशवरा लोकसभा चुनावों में निर्दलीय ताल ठोकने की तैयारी में जुटे जीवाराम अपने विश्वस्त कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके राय मशवरा करने की जानकारी भी सामने आई है.

निर्दलीय ताल ठोकने का इशारा

ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे है कि जीवाराम चौधरी कार्यकर्ताओ की राय के बाद लोकसभा चुनावों में देवजी पटेल के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है. लम्बे समय से चल रही है अनबन, इस बार खुल कर आई सामने जीवाराम चौधरी पिछले लंबे समय से भाजपा के सांचोर में चेहरा हुआ करते थे. 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जीवाराम का टिकट काट कर मिलाप मेहता की मैदान में उतार दिया था.
उस समय निर्दलीय चुनाव लड़े और भारी वोटों से चुनाव जीत गए. इसके बाद 2009 में लोकसभ चुनाव आये तो अहमदाबाद में व्यवसाय कर रहे देवजी पटेल अचानक सामने आए और जातिगत समीकरण के आधार व स्थानीय होने के कारण देवजी पटेल को टिकट दे दी. इस समय कांग्रेस के नेताओ ने पहले आरोप लगाया कि देवजी पटेल ने पहले कांग्रेस से लोकसभा की टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने नहीं दी. जिसके बाद भाजपा से टिकट लेकर आये है.

इस दौर में जीवाराम चौधरी सांचोर से विधायक थे और अपने चौधरी समाज में काफी दबदबा भी था, लेकिन देवजी पटेल भाजपा की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे और जीत गए. इसके बाद दोनों में अपने अपने वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई. दोनों की आपसी लड़ाई में कार्यकर्ता पिछते रहे. जीवाराम के साथ रहने वाले कार्यकर्ताओ से देवजी नाराज रहा करते और देवजी के पक्ष वाले नेताओं से जीवाराम नाराज रहते. इसके कारण कई बार ऐसे मौके आये जब दोनों अपने कामों को लेकर आमने सामने हुए. पिछले विधानसभा चुनावों में खुलकर एक दूसरे के विरोध में आ गए.

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