जालोर.जालोर सिरोही (Jalore Sirohi) से सांसद रहे पारसा राम मेघवाल (Parsa Ram Meghwal) का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. जिससे कांग्रेस (Congress) में शोक की लहर छा गई. 66 वर्ष के मेघवाल पिछले लंबे समय से डायलिसिस की बीमारी (Dialysis disease) से पीड़ित थे. जिसके चलते काफी समय से वो घर पर थे.
जानकारी के अनुसार पारसाराम मेघवाल लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं. वर्ष 1996 में 11वीं लोकसभा में कांग्रेस की टिकट पर जालोर से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए थे. उस दौरान उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी गेनाराम मेघवाल को 6 हजार 840 मतों से हराया था.
हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार तेरह दिन ही चल पाई थी, जिस कारण जालोर से सबसे कम समय सांसद रहने का तमगा भी उनके नाम ही है. इसके अलावा कांग्रेस में कई पदों पर उन्होंने अपनी भूमिका निभाई. दो साल पहले उन्हें कार्यकारी जिलाध्यक्ष भी बनाया गया था. वर्तमान में वे जिला योजना समिति के सदस्य भी थे, उनके निधन से जिले भर में शोक की लहर छा गई है.
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पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह को पछाड़ कर लाए थे टिकट : परिसीमन से पहले जालोर संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित था. जिसके कारण यहां कांग्रेस से बूटा सिंह सांसद निर्वाचित होते रहे थे, साथ ही केंद्र सरकार में सरदार बूटा सिंह गृहमंत्री भी रहे हैं. जिस कारण बूटा सिंह का एक तरफा दबदबा था, लेकिन सरदार के दबदबा होने के बावजूद पारसाराम मेघवाल स्थानीय के मुद्दे पर कांग्रेस से टिकट पाने में सफल हुए और जीत गए.