पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी से किसान परेशान...खेती करना पड़ रहा महंगा
पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा मध्यम और किसान वर्ग परेशान है. ऐसे में शुक्रवार 17वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के कारण किसान वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है. क्योंकि अब बारिश के मौसम में किसानों को खरीफ की बुवाई करनी है, लेकिन डीजल के दाम बढ़ने के कारण अब बुवाई महंगी हो गई है. जिसके कारण किसानों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है.
डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों ने बढ़ाई परेशानी
By
Published : Jun 27, 2020, 11:41 AM IST
जालोर.पेट्रोल डीजल के दामों में पिछले 17 दिनों से लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दोनों में करीबन 10 रुपए प्रति लीटर तक भाव बढ़ने का असर अब बाजार में और आम उपभोक्ताओं पर नजर आने लग गया है. बाजार में हर वस्तु के दाम बढ़ने शुरू हो गए है.
डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों ने बढ़ाई परेशानी
बसों का किराया भी हुआ मंहगा
वहीं बसों सहित अन्य वाहनों का किराया भी बढ़ा दिया है. जिससे अब मध्यम वर्ग के लोगों का बजट बिगड़ने लगा है. इसके साथ ही डीजल के दरों में भारी बढ़ोतरी के कारण किसान वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है, क्योंकि अब बारिश के मौसम में किसानों को खरीफ की बुवाई करनी है, लेकिन डीजल के दाम बढ़ने के कारण अब बुवाई महंगी हो गई है.
केंद्र सरकार ने बढ़ाए पेट्रोल डीजल के दाम
ऐसे में इस बढ़ोतरी से आम जनता काफी परेशान हो रही है. कोरोना में धंधे चौपट, अब बढ़ती महंगाई ने कमर तोड़ी कोरोना को लेकर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन में काम धंधे चौपट हो गए थे. अब बचे काम धंधे में लोगों की कमाई काफी कम हो गई है, जबकि डीजल के बढ़ने से महंगाई बढ़ने लगी है. जिसके कारण अब मध्यम वर्ग के लोगों के सामने परिवार का पालन पोषण का संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.
पेट्रोल डीजले के बढ़ रहे दाम
आमजन पर पड़ रही मंहगाई की मार
व्यापारियों ने बताया कि पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांस्पोशन महंगा हो गया है. ऐसे में हर वस्तु में दाम बढ़ने लगे है. जिससे बाजार में हर वस्तु महंगी होती जा रही है, जबकि खरीददार लोगों के पास पैसा नहीं होने के कारण जरूरत से भी कम सामान खरीद रहे है. यानी के अपने घर के राशन सामग्री में भी लोग कटौती करने लग गए है. वाहनों के किराए में भी भारी बढ़ोतरी जिले के ज्यादातर गांवों में आवागमन के संसाधनों के किराए में भी बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण सीधे आम जनता प्रभावित हो रही है. सार्वजनिक बसों में प्रति किमी 1 रुपया किराया बढ़ाया है, जबकि अन्य पर्सनल साधन भी लेकर जाना लोगों के लिए महंगा हो गया है. जिसके कारण लोगों की मांग है कि पेट्रोल डीजल के दाम घटाए जाए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा.
जालोर के पम्पों पर पेट्रोल डीजल की बिक्री हुई कम राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में डीजल की दरों में बहुत अंतर है. पंजाब और गुजरात में राजस्थान से डीजल सस्ता है. जिसके कारण लंबे रुट की गाड़ियां या ट्रक डीजल पंजाब या गुजरात से खरीद कर लाते है. इसके अलावा गुजरात बॉर्डर के नजदीक रहने वाले लोग भी डीजल गुजरात से लेकर आते है. जिससे उनको काफी फायदा हो जाता है. वहीं, एक ट्रांसपोर्टर ने बताया कि लगातार बढ़ते डीजल के भावों के कारण ट्रांसपोर्ट का व्यापार बन्द होने के कगार पर पहुंच गया है. अगर ये ही हालात रहा तो हमे भी मनरेगा में रोजगार खोजना पड़ेगा.