जालोर. जिले में पंचायतीराज चुनाव के चार चरण संपन्न हो गए हैं लेकिन होथीगांव के लोगों ने मतदान नहीं किया. अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को मतदान का बहिष्कार किया. इसमें सबसे गौर करने वाली बात यह रही कि जो अधिकारी समझाइश के लिए आये थे. उन्होंने ही ग्रामीणों को धमकाया की आप वोट दो या नहीं दो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीण वार्ता छोड़कर चले गए.
चितलवाना पंचायत समिति क्षेत्र के होथीगांव में चौथे चरण के तहत जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों का चुनाव होना था लेकिन ग्रामीणों ने पानी की मांग को लेकर मतदान के बहिष्कार की घोषणा कर रखी थी. मतदान बहिष्कार की जानकारी ग्रामीणों ने 15 दिन पूर्व चितलवाना के एसडीएम दुदा राम हुड्डा को दे दी. इसके अलावा यह न्यूज़ अखबारों व न्यूज चैनलों की सुर्खियां भी बनी, लेकिन इस बहिष्कार की जानकारी जिला प्रशासन तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में शनिवार को मतदान शुरू हुआ और होथीगांव में मतदान का आंकड़ा जीरो पहुंचा तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.
एसडीएम दुदाराम हुड्डा को घर से बुलाकर एडीएम छगनलाल गोयल होथीगांव पहुंचे. ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया. जिसके बाद आधा घंटा बीतने के बाद ग्रामीणों का हुजूम अधिकारियों से मिलने राजीव गांधी भवन पहुंचे. वार्ता शुरू होने के बाद ग्रामीणों के तीखे सवालों के कारण प्रशासनिक अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. ग्रामीणों ने बताया कि हमने खेतों में लाखों रुपये खर्च करके बीज डाल दिये है और नर्मदा नहर में पानी नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि गुजरात से पानी कम आ रहा है तो हमे कम मिलेगा, लेकिन जब हमारे हिस्से के पानी की बारी शुरू होती है तो लाइट कट जाती है और जब पानी की बारी खत्म होती है तो बिजली शुरू हो जाती है.