भीनमाल (जालोर).देश-प्रदेश में महिलाओं के साथ लगातार बढ़ते दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने एक अनोखा प्रयास किया था. पिछले 5 वर्षों से राजस्थान के कई क्षेत्रों में किसी 1 दिन सरकारी विद्यालयों के छात्र पहली से पांचवी कक्षा तक की कन्याओं का पूजन अभिनंदन सम्मान करते हैं. विशेष रूप से यह आयोजन नवरात्रि के दिनों में होता था.
लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं. ऐसे में जालोर के भीनमाल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में 'कन्या पूजन' के तर्ज पर 'मोहल्ले की बेटियां' कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जिसके तहत युवक मिलकर मोहल्ले में रहने वाली 9 वर्ष तक की कन्याओं का सामूहिक रूप से पूजन और अभिनंदन कर रहें हैं.
इसके पीछे आयोजकों का मानना है कि महिलाओं और बालिका का सम्मान करना सिखाने का यह एक मनोवैज्ञानिक तरीका है. इससे स्त्री सम्मान और सुरक्षा उनकी सुरक्षा का भाव मन में आता है. अपने मोहल्ले में रहने वाली 9 वर्ष तक की समस्त कन्याओं का पूजन करने से लड़कों में उनके प्रति सम्मान का भाव बढ़ेगा. मोहल्ला-बस्ती स्तर पर अथवा गली के स्तर पर यह आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए किया जा रहा है. विभिन्न माध्यमों से बालकों के मन में आने वाले विकृत विचार इस प्रकार के आयोजन से दूर होते हैं.