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जालोर: कोरोना गाइडलाइन के तहत खुला सुंधा माता मंदिर का पट - सुंधा माता मंदिर

राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कलेक्टर के आदेश के बाद जालोर जिले के मंदिरों के पट खोल दिए गए हैं. जिसके तहत जिले के ऐतिहासिक तीर्थ धाम सुंधा माता मंदिर के कपाट भी दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए हैं. इस दौरान एक बार में 15 लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन कर सकते हैं.

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सुंधा माता मंदिर के पट खुला

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Published : Sep 8, 2020, 3:46 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर).राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कलेक्टर के आदेश के बाद जिले के मंदिरों के पट खोल दिए गए हैं. जिसके तहत जिले के ऐतिहासिक तीर्थ धाम सुंधा माता मंदिर के कपाट भी दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए हैं. चामुंडामाता ट्रस्ट की ओर से कोविड-19 की गाइडलाइन थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क, सैनिटाइजर और साबुन से हाथ धुलवा कर 15-15 लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है.

सुंधा माता मंदिर के पट खुला

वहीं, मंदिर में फूल माला, प्रसाद, पूजा सामग्री पर पाबंदी लगाई हुई है. कोरोना महामारी के चलते 21 मार्च से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद किया गया था, जिसके बाद मंगलवार को मंदिर के पट खुलने से भक्तों ने दर्शन कर खुशहाली की कामना की. सुंधामाता ट्रस्ट के व्यवस्थापक रघुवीरसिंह मंडलावत ने बताया कि जालोर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता द्वारा गठित समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड 19 की सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना करते हुए तीर्थ क्षेत्र को खोला जाए.

समिति के निर्णय के बाद ट्रस्ट की बैठक अध्यक्ष शंभू सिंह देवल की अध्यक्षता में बैठक कर प्रस्ताव लिया गया कि मंदिर को कोविड-19 की सरकारी गाइडलाइन की पालना के अनुरूप खोला जाना ही ठिक रहेगा. उसकी पालना के तहत आज से मंदिर दर्शनार्थ खोला गया है. गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. सर्वप्रथम तलहटी स्थित मुख्य दरवाजा पुरी तरह सैनिटाइज किया गया. इसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क पहनना, सौशल डिस्टेन्सिंग की पूरी पालना की जा रही है.

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ट्रस्ट द्वारा संचालित भोजनशाला, दुकानें, धर्मशालाएं पूर्ण रूप से बंद रहेगी. मंदिर पर ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण भीड़ होने की संभावना नहीं है. इसी के साथ चरणामृत, धूप, प्रसाद पर भी पूरी पाबंदी रहेगी. सिर्फ सूखा नारियल का हवन किया जा सकेगा. ट्रस्ट का मानना है कि मानव जीवन अनमोल है उसकी रक्षा करना ही धर्म है. मंडलावत ने बताया कि अब तक 328 पुरुष और 214 महिला बच्चों ने सोशल डिस्टेंसिंग के तहत देवी के दर्शन किए हैं.

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