सांचौर (जालोर). जिले के चितलवाना में उपखण्ड अधिकारी के रूप में पदस्थापित दुदाराम हुड्डा ने संघर्षों की ऐसी कहानी लिखी कि उनकी सफलता के चर्चे आज हर किसी के जुबान पर है. धोरीमन्ना उपखण्ड के रामपुरा निवासी दुदाराम हुड्डा अभावों और संघर्षों से सामना करते हुए भी वर्ष दर वर्ष अपनी पढ़ाई करते रहे और आज चितलवाना में उपखण्ड अधिकारी के रूप में पदस्थापित हुए है. भाई-बहनों में केवल दुदाराम ही स्कूल की दहलीज तक गए और स्कूल शिक्षा के बाद स्वयंपाठी के रूप में पढ़ते हुए सफलता की मिशाल कायम की.
दुदाराम के परिवार में पढ़ाई का कोई माहौल नहीं था. मजबूरी में उन्होंने मेहनत मजदूरी तक की, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. कक्षा 1 से 10 तक की पढ़ाई राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अरणियाली से पूरी की. आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं होने के कारण आठवीं कक्षा के बाद एक बार पढ़ाई तक छोड़ दी थी. लेकिन विद्यालय के शिक्षकों ने सहयोग कर उन्हें आगे बढ़ाया.
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यह उनके जीवन में एक निर्णायक मोड़ था, क्योंकि यदि शिक्षकों ने उनकी प्रतिभा को नहीं पहचाना होता तो शायद वे आज कहीं मजदूरी कर रहे होते. दुदाराम ने कक्षा 11-12वीं की पढ़ाई स्टेशन रोड बाड़मेर से की. उन्होंने 12 वीं कला वर्ग में राज्य मेरिट में 13वां स्थान प्राप्त किया. बाद में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाकर जोधपुर में मजदूरी करके स्वयं का खर्च निकाला और स्वयंपाठी के रूप में बीए और एमए की पढ़ाई की.
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का ऐसा जुनून
दुदाराम हुड्डा को प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्थित तैयारी करने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि पिछले 13 वर्षों से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करते रहे हैं. पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए दुदाराम विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के प्रतीक बन गए.
दुदाराम हुड्डा ने 2003 में इंडियन नेवी, 2004 में राजस्थान पुलिस कांस्टेबल, 2006 में दिल्ली सरकार में तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर चयन हुआ, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं की. 2007 में राजस्थान में तृतीय श्रेणी अध्यापक में चयन होने पर राजकीय सेवा की शुरुआत की. 2008 में ग्राम सेवक और राजस्थान पुलिस उप निरीक्षक, 2009 में पटवारी, 2010 में दिल्ली पुलिस उप निरीक्षक में चयन हुआ, लेकिन वहां भी ज्वाइनिंग नहीं की. 2012 में द्वितीय श्रेणी (अंग्रेजी विषय) में 453 वीं रैंक से चयनित होकर नियुक्त हुए और इसी वर्ष प्रधानाध्यापक परीक्षा में 403 वी रैंक से चयनित होकर पद स्थापित हुए.
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