जालोर. जिले में डिस्कॉम पैसा तो जमकर बटोर रहा है लेकिन डिस्कॉम के अधिस्थ काम करने वाले कार्मिकों की जिंदगी को लेकर उनको कोई सरोकार नहीं है. इसका उदाहरण है कि जिले में 271 जीएसएस में से 22 जीएसएस ऐसे है. जहां पर न तो पिछले 10 सालों में भवन बने है और ना ही वहां पर सुरक्षा को लेकर कोई उपकरण है. अन्य उपकरणों की बात तो छोड़े वीसीबी के आसपास में जमीन पर कंक्रीट तक नहीं डाली गई है. जिसके कारण हर वक्त काम करने वाले लाइनमैनों को करंट के चपेट में आने की संभावना बनी रहती है.
पिछले महीने रानीवाड़ा के हर्षवाड़ा जीएसएस पर करंट से एक लाइनमैन की मौत हो जाने के बाद काफी विवाद हुआ. डिस्कॉम कार्मिकों द्वारा उपखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया था. तब उच्च अधिकारियों ने मामले को दबाने के लिए रानीवाड़ा की कनिष्ठ अभियंता अंजली को डिस्कॉम द्वारा बलि का बकरा बनाकर निलंबित कर दिया गया. लेकिन बिना किसी सुरक्षा के चल रहे जीएसएस को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया.
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बार बार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने जिले के गांवों में बने जीएसएस की पड़ताल की. जिसमें सामने आया कि जिले में 271 जीएसएस वर्तमान में शुरू है. जिसमें से 22 जीएसएस ऐसे है जहां पर न तो चार दीवार बनाई गई है और न ही कर्मचारियों के रहने के लिए भवन बनाये गए है. इसके अलावा कई जीएसएस तो ऐसे है जहां पर बारिश के समय 3 से 4 फीट का भराव हो जाता है, लेकिन कर्मचारी मजबूरी में अपनी जिंदगी खतरे में डालकर काम करते है.