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मातृ शिशु कल्याण केन्द्र की व्यवस्थाओं का कलेक्टर ने लिया जायजा - rajasthan news

जालोर जिला मुख्यालय पर शनिवार को कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने मातृ शिशु कल्याण केन्द्र का औचक निरीक्षण किया और व्यवस्था सुधारने के आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह देवल सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे. निरीक्षण के दौरान कलेक्टर गुप्ता ने आंचल मदर मिल्क बैंक के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली.

मातृ शिशु कल्याण केन्द्र की व्यवस्थाओं, Arrangements of maternal child welfare center
मातृ शिशु कल्याण केन्द्र की व्यवस्थाओं का जायजा

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Published : Apr 19, 2020, 1:11 AM IST

जालोर. कोरोना वायरस के चलते बरती जा रही सख्ती के बीच कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने शनिवार को राजकीय मातृ शिशु कल्याण केन्द्र की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर ने एमसीएच केन्द्र में लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, शिशु वार्ड, टीकाकरण कक्ष, ऑक्सीजन यूनिट, एस.एन.सी.यूनिट और आंचल बैंक की व्यवस्थाओं की जानकारी ली. इसके साथ चिकित्साधिकारियों और कार्मिकों को अस्पताल में साफ-सफाई सहित अन्य प्रकार की व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के निर्देश भी दिए.

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मरीजों से भी रूबरू हुए कलेक्टर

मातृ शिशु कल्याण केन्द्र की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर ने अस्पताल में भर्ती महिलाओं और उनके परिवारजनों से बातचीत कर उन्हें उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली. इस दौरान सीएमएचओ डॉ. जी.एस.देवल, पीएमओ डॉ. एस.पी.शर्मा और अन्य चिकित्साधिकारी और कार्मिक मौजूद थे.

आंचल मदर बैंक में है 810 यूनिट दूध

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश चौधरी ने कलेक्टर गुप्ता को जिला मुख्यालय पर स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि वर्तमान केन्द्र में 810 यूनिट संग्रहण है.

सामान्य स्थिति में लगभग 20 से 25 यूनिट दूध संग्रहण हो जाता था. लॉकडाउन के कारण 10 यूनिट प्रतिदिन ही संग्रहण हो पाता है. केन्द्र द्वारा शिशुओं के लालन-पालन के लिए लगभग 10 से 15 यूनिट प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है.

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दो दिन पहले मरीजों ने किया था हंगामा

जिला मुख्यालय पर मातृ शिशु कल्याण केन्द्र में दो दिन पहले प्रवास से आई प्रसूता को भर्ती कर दिया था. जिसकी दूसरे मरीजों को जानकारी मिलने के बाद मरीजों के परिजनों ने विरोध जताया. मामले को बढ़ता देखकर प्रवासी गर्भवती महिला को जिला मुख्यालय और समान्य कोरोना के लिए आरक्षित अस्पताल में भर्ती किया तब जाकर विरोध शांत हुआ था.

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