रानीवाड़ा (जालोर). जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र के पुलिस थाना करड़ा अंतर्गत खारा गांव में भूमि विवाद को लेकर सोमवार शाम करीब पांच बजे एक 62 वर्षीय वृद्धा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. घटना के बाद पुलिस इसे आत्महत्या मान रही थी, जबकि मृतका के परिजन हत्या का आरोप लगा रहे थे. जिसके बाद बड़ी संख्या में विश्नोई समाज के लोग धरने पर बैठ गए थे.
जानकारी के अनुसार सोमवार शाम को जमीन में खुदाई को लेकर विवाद हुआ था. उसके बाद वृद्धा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मृतका के भाई सांचोर थाना क्षेत्र के ड्डूसण निवासी जयकिशन पुत्र मंगलाराम विश्नोई ने पुलिस को रिपोर्ट देकर मृतका के पुत्र सदराम (27) और मीरपुरा निवासी भवरलाल पुत्र आंसूराम जाट पर हत्या कर सबूत मिटाने के लिए आत्महत्या का रूप दिया गया है.
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वहीं, मंगलवार को मामला बढ़ने पर सांचोर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, भीनमाल पुलिस उप अधीक्षक लाभूराम चौधरी और रानीवाड़ा पुलिस उप अधीक्षक रतनलाल मेघवाल सहित रानीवाड़ा, करड़ा थाने से भारी संख्या में पुलिस बल ने खारा गांव में डेरा डालकर हालात पर नजर बनाए हुए थे. रिपोर्ट में करड़ा थाना अधिकारी पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कॉल डिटेल निकलवाकर निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करवाने की मांग की थी.
मामले में पीड़ित परिवार ने शव लेने से इंनकार कर दिया था. जिसके बाद बुधवार दोपहर को जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जिला पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक घटनास्थल पर पहुंचे और मौका मुआयना किया. साथ ही सांचौर उपखंड अधिकारी भूपेंद्र कुमार यादव और सांचौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह से घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी ली.
बता दें कि बुधवार को जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जालोर जिला पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक के साथ परिजनों की वार्ता हुई और वार्ता सफल रही. परिजनों की सभी मांगों पर सहमति बन गई. मामले को लेकर जालोर और जोधपुर की FSL टीम भी खारा पहुंची है. डॉक्टरों की ओर से शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा. बता दें कि पिछले 50 घंटों से शव के साथ अपनी मांगों को लेकर विश्नोई समाज के लोग धरना प्रदर्शन कर रहे थे.