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बाजार बंद कर धरने पर बैठे व्यापारी, नेशनल हाईवे पर जाली लगाने का कर रहे विरोध

जालौर के चितलवाना उपखण्ड क्षेत्र के बेड़िया गांव में व्यापारी दो दिन से बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. व्यापारियों का आरोप है कि बिना सर्विस रोड बनाए नेशनल हाईवे को जाली लगाकर बंद किया जा रहा है. जिससे उनकी दुकानें बन्द हो जा रही हैं और कारोबार प्रभावित हो जा रहा है.

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Published : Aug 11, 2020, 5:31 PM IST

Traders sitting on the protest, market shut
बाजार बंद कर धरने पर बैठे व्यापारी

जालोर.जिले के चितलवाना उपखण्ड क्षेत्र के बेड़िया गांव में व्यापारी आज दो दिन से बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अधिकारी उनकी सुध नहीं ले रहे हैं. व्यापारियों का आरोप है कि बिना सर्विस रोड बनाए नेशनल हाईवे को जाली लगाकर पैक किया जा रहा है. जिससे उनकी दुकानें बन्द हो जा रही हैं और कारोबार प्रभावित हो जा रहा है. उन्होंने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है.

बाजार बंद कर धरने पर बैठे व्यापारी

जालोर बाड़मेर सीमावर्ती बेड़िया गांव में से भारतमाला परियोजना के तहत नेशनल हाइवे 925ए का निर्माण किया गया है. जिसके दोनों तरफ बिना सर्विस रोड निकाले जाली लगाकर हाईवे को बंद कर रहे हैं. इसके विरोध में व्यापारियों ने बन्द का आह्वान किया था जिसके तहत मंगलवार दूसरे दिन भी बेड़िया कस्बा बन्द रहा. इसके बाद भी किसी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली है. आज आक्रोशित व्यापारियों ने रैली निकाल कर नेशनल हाईवे अथॉरिटी और भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण कर रही जीएसवी कम्पनी के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.

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इसमें उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे जमीन कवर्ड करवाकर करोड़ों रुपये खर्च कर दुकानें बनाई गईं हैं. इसमें 600 से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें संचालित हो रही हैं. लेकिन अब सड़क को जाली लगाकर पैक करने से यह दुकानें बंद हो रही हैं. इससे इन दुकानों में काम करने वाले एक हजार से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने बताया कि दुकानों के आगे 4 फिट ऊंची व 500 मीटर से ज्यादा लम्बी जाली लगाई जा रही है.

जाली के बाहर कोई सर्विस रोड भी नहीं बनाई गई है, जिससे दुकानों पर ग्राहक नहीं आ पाएंगे. ऐसे में व्यापारियों को मजबूरी में दुकानों पर ताले लगाने पड़ रहे हैं. व्यापारियों का आरोप है कि उन्होंने इस समस्या के समाधान को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन ध्यान नहीं दिया गया.

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