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जालोर: पाइप लाइन तोड़ कर भूल गई हाईवे निर्माण कंपनी, किसान हो रहे परेशान

जालोर जिले के चितलवाना उपखण्ड के गांवों में नेशनल हाइवे 925ए का निर्माण किया गया है. हाइवे निर्माण करते समय जगह जगह सड़क निर्माण करने वाली कंपनी ने नर्मदा नहर विभाग की ओर से बिछाई गई पाइप लाइन को तोड़ा गया था. लेकिन एक साल से ज्यादा का वक़्त बीत जाने के बावजूद अभी तक ठीक नहीं करवाया गया है. जिससे किसानों को परेशानी हो रही है.

जालोर न्यूज, नर्मदा विभाग की पाइपलाइन, Narmada Department Pipeline, Bharatmala Project
नेशनल हाइवे निर्माण के दौरान तोड़े गए पाइप लाइनों की नहीं हुई मरम्मत

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Published : Oct 2, 2020, 5:52 PM IST

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड क्षेत्र के गांवों से भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत नेशनल हाइवे 925ए का निर्माण किया गया है. जिसमें जगह जगह नर्मदा विभाग की ओर से बिछाई गई पाइप लाइन को तोड़ा गया. लेकिन एक साल से ज्यादा का समय हो गया. अब तक इन पाइपलाइनों को ठीक नहीं किया गया है. जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नेशनल हाइवे निर्माण के दौरान तोड़े गए पाइप लाइनों की नहीं हुई मरम्मत

जानकारी के अनुसार जिले के भारत माला परियोजना के तहत नेशनल हाइवे 925ए निर्माण में जगह जगह किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के लिए बिछाई पाइप लाइन को सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी के कार्मिकों ने तोड़ दिया. जिससे नर्मदा नहर का पानी किसानों के खेतों में नहीं पहुंच पा रहा. ऐसे में किसानों ने नर्मदा विभाग और सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी के कार्मिकों को अवगत करवाया तो उन्होंने एक बार तो आश्वासन दिया कि जल्द ही क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को ठीक कर दिया जाएगा. लेकिन एक साल से ज्यादा का समय बीत गया है. अब तक क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को ठीक नहीं किया गया है.

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किसानों ने बताया को क्षतिग्रस्त पाइप लाइन के कारण 111 किसानों की करीबन 700 बीघा जमीन सिंचाई से वंचित रह चुकी है. उन्होंने बताया कि अब आगे आने वाले दिनों में रबी की फसल की सीजन शुरू होने वाली है, अगर क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को ठीक नहीं किया गया तो फसल की बुवाई नहीं कर पाएंगे.

किसानों ने बताया कि पिछले साल जब सड़क निर्माण के लिए पाइप लाइन तोड़ी तो किसानों ने विरोध जताया था. तब कम्पनी के कार्मिकों ने किसानों को कहा कि विरोध प्रदर्शन स्थगित करो, सड़क निर्माण के बाद इस पाइप लाइन को जोड़ दिया जाएगा. लेकिन एक साल बाद भी नहीं जोड़ा गया है. अब कम्पनी के कार्मिकों को पाइप लाइन ठीक करने के लिए कॉल करते है तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं देते है. वहीं दूसरे पक्ष के लोग कार्य पूरा करके चले गए है. उनका स्थानीय स्तर पर कोई आफिस नहीं है. भारत माला परियोजना के अधिकारी भी जालोर में नहीं बैठते है.

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