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जालोर में भाजपा के नेताओं ने की PC, बोले- नए कृषि कानून मजबूत करेंगे देश के अन्नदाता की रीढ़ - प्रेस वार्ता

केंद्र सरकार किसानों के लिए तीन कृषि विधेयक संसद में पारित किए थे, जिसका पूरे देश में किसान भारी विरोध कर रहे हैं. दिल्ली के बॉर्डर पर विभिन्न किसान यूनियनों ने आंदोलन शुरू कर रखा है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा नेताओं द्वारा गांव-गांव घूमकर नए कृषि विधेयकों के फायदे बताए जा रहे हैं. गुरुवार को जालोर जिला मुख्यालय पर प्रेस वार्ता करके भी तीनों कृषि विधेयकों को अच्छा बताया गया.

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जालोर में नए कृषि कानून को लेकर प्रेस वार्ता

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Published : Dec 17, 2020, 10:27 PM IST

जालोर.केंद्र सरकार द्वारा लाये नए तीनों कृषि विधेयक के खिलाफ एक तरफ दिल्ली के बॉर्डर पर बड़े स्तर पर आंदोलन चल रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के नेता कृषि विधेयकों के फायदे को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं. गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र बोहरा, जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव बोरली, जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, पूर्व जिला प्रमुख वन्ने सिंह गोयल ने जालोर भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया.

जालोर में नए कृषि कानून को लेकर प्रेस वार्ता

पाली नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन महेंद्र बोहरा ने कहा कि जनहित के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए तीनों नये कृषि कानून अन्नदाता की रीढ़ को मजबूत कर 21 वी सदी के उज्जवल भारत की नींव रखेंगे. केवल कुछ निजी स्वार्थ से बंधे हुए लोगों द्वारा भारत के सीधे-साधे किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कभी सफल नहीं होगा, क्योंकि देश की जनता यह समझ चुकी है कि कौन अपना हित साधना चाहता है और कौन जनहित में काम करना चाहता है.

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बोहरा ने कहा कि भारत गांवों का देश कहलाता है और देश के अधिकांश किसान मोदी सरकार की नीतियों के समर्थक हैं, क्योंकि ये तीनों नए कृषि कानून वर्षों से दबाए जा रहे हैं. किसानों को उनका हक दिलवाएंगे और राजस्थान के पंचायत राज चुनाव परिणामों ने इस पर मुहर भी लगाई है. पंचायती चुनाव में मतदाता अन्नदाता किसान ही होते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बहुत सोच विचार करके निर्णय लिया कि देश के अन्नदाता की अगर किस्मत संवारनी है तो कुछ कठोर कानून बनाने होंगे, जिनसे भारत की रीढ़ मजबूत होगी. यानी हमारा अन्नदाता सशक्त होगा. एमएसपी पर खरीद भी चालू है और पंजाब में ही धान की 54 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड खरीद हुई है.

वहीं, विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि सरकार ने वार्ता के लिए द्वार खोले हुए हैं. सरकार सुझाव लेकर संशोधन के लिए भी तैयार है. लेकिन, स्वार्थी लोग केवल अपना हित साधना चाहते हैं, जो नहीं हो पाएगा. ये आंदोलन किसान विरोधी है. सरकार के अंधविरोधी परंपरा की बैलगाड़ी चलाना चाहते हैं. जो अब संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ जो विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही है या भ्रमित करने की कोशिश कर रही है. उसी कांग्रेस पार्टी ने 2019 के घोषणा पत्र में इस विधेयक के आने पर लागू करने की बात कही थी. उसमें कहा गया है कि कांग्रेस ए.पी.एम.सी को निरस्त कर देगी, कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्थ करेगी, जिसमें निर्यात और अंतर्राज्यीय व्यापार भी शामिल होगा, जो सभी प्रतिबंधों से मुक्त होगा.

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भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कृषि करार विधेयक के धारा 7, 14 और 15 में ये स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि किसान द्वारा किए गए करार में सिर्फ फसल का अनुबंध होगा, उसकी भूमि का नहीं और करार में ये भी सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी कंपनी को फसल उगाने का अधिकार नहीं होगा. खेत में फसल उगाने का अधिकार केवल किसान को होगा. अतः विपक्ष द्वारा फैलाया गया भ्रम कि कृषक की भूमि पर अधिपत्य कंपनी का हो जाएगा, ये सरासर झूठ है. इस दौरान पर पूर्व प्रधान धुकाराम पुरोहित, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हिंगलाज दान चारण, पहाड़सिंह राव, मुकेश राजपुरोहित, पुखराज बगोटी और हेमेंद्र सिंह बगेड़िया सहित अन्य मौजूद थे.

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