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क्षतिग्रस्त सड़क का टोल वसूलने के खिलाफ आहोर-जालोर विधायक बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर

जालोर के सांकरणा टोल प्लाजा पर शुक्रवार को जालोर और आहोर विधायक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गए. दोनों विधायकों का आरोप है कि क्षतिग्रस्त सड़क पर पिछले लंबे समय से निजी कंपनी की ओर से टोल वसूली की जा रही है. टोल वसूली के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है, जिसके चलते वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Jalore and Ahor MLAs sit on dharna
जालोर और आहोर विधायक बैठे धरने पर

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Published : Oct 1, 2021, 6:55 PM IST

जालोर. क्षतिग्रस्त सड़क का टोल वसूलने के खिलाफ आहोर और जालोर विधायक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. दोनों विधायकों का आरोप है कि क्षतिग्रस्त सड़क पर पिछले लंबे समय से निजी कंपनी की ओर से टोल वसूली की जा रही है. टोल वसूली के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है, जिसके चलते वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला प्रमुख सड़क मार्ग जोधपुर से वाया रोहट-जालोर से जसवंतपुरा तक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है. लेकिन रोहट से लेकर जसवंतपुरा तक में अलग-अलग टोल कंपनियों ती ओक से क्षतिग्रस्त सड़क पर टोल वसूला जा रहा है. क्षतिग्रस्त सड़क पर टोल वसूली के खिलाफ शुक्रवार को जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग और आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

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दोनों विधायकों का आरोप है कि कई बार धरना प्रदर्शन करने के बावजूद सड़क को ठीक नहीं किया गया. जानकारी के अनुसार जालोर जिले को जोड़ने वाली रोहट- जसवंतपुरा मार्ग तक निजी कंपनियों की ओर से टोल वसूली की जा रही है. तीन सालों से सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बावजूद टोल की वसूली की जा रही है. सड़क की मरम्मत भी नहीं करवाई जा रही है. ऐसे में सड़क पर आए दिन हादसे हो रहे हैं.

जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने बताया कि इस सड़क मार्ग की मरम्मत की मांग तीन साल से उठाई जा रही है. लेकिन जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि आम राहगीर इस सड़क पर टोल देकर चलता है लेकिन सुविधा किसी प्रकार की नहीं है. स्थानिय जनप्रतिनिधियों की ओर से लंबे समय से इसी सड़क मार्ग की मरम्मत की मांग की थी. लेकिन निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

पीडब्ल्यूडी ने टोल कंपनी को निलंबित करने को लेकर राज्य सरकार को भेजा था पत्र. रोहट से लेकर जसवंतपुरा तक निजी कंपनी को सड़क पर टोल वसूलने का आदेश राज्य सरकार की ओर से दिया गया था. इसमें 5 साल में सड़क की मरम्मत करने का पूरा कार्य निजी कंपनी को करवाना था, लेकिन सड़क बनने के बाद में आज तक निजी कंपनी की ओर से सड़क की मरम्मत नहीं की गई.

पिछले साल जनप्रतिनिधियों के दबाव में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने टोल कंपनी को निलंबित करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन टोल कंपनी सूबे के एक दबंग मंत्री की होने के चलते उस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में अब जालोर और आहोर विधायक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

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