राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

न्याय की मांग को लेकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पीड़ित महिला ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर दिया धरना

जैसलमेर में मगंलवार को एक महिला ने अपने पति के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना दिया. महिला ने साल 2020 में नोख थाने में उसके साथ शारीरिक शोषण का मामला दर्ज करवाया था, लेकिन अब तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुई है. पीड़िता ने कहा कि उसे न्याय मिले अन्यथा उसे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

जैसलमेर की ताजा हिंदी खबरें, Physical exploitation of woman in Jaisalmer
न्याय की मांग को लेकर महिला ने किया कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

By

Published : Mar 9, 2021, 3:11 PM IST

जैसलमेर. महिलाओं के सम्मान और समाज मे महिलाओं की भागीदारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जाती है और 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देश और प्रदेश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. लेकिन जैसलमेर जिले में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ही कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने जिले के नोख थाना क्षेत्र के मदासर गांव की एक महिला अपने पति के साथ धरने पर बैठ गई.

इस दौरान महिला ने अपने साथ हुए अत्याचार के लिए न्याय की गुहार लगाई. पीड़ित महिला ने बताया कि लगभग 7 साल पहले उसके क्षेत्र के ही एक युवक ने उसके पति की गैरमौजूदगी में जबरदस्ती घर में घुसकर उसका शारीरिक शोषण किया और धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो उसे और उसके बच्चों को जान से मार देगा.

पीड़िता ने पति के लौटने पर हिम्मत जुटा कर अपने पति को अपनी आपबीती बताई जिस पर आपसी समझाइश में समाज के लोगों की मौजूदगी में आरोपी ने माफी मांग ली. पीड़िता ने कहा कि उसके कुछ समय बाद आरोपी ने उसे फिर से परेशान करना शुरू कर दिया और उसे जबरदस्ती उठा के ले जाने का भी प्रयास किया गया.

पीड़िता ने कहा कि उसने नवंबर 2020 में तंग आकर आखिरकार नोख थाने में मामला दर्ज करवाया, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला. पीड़िता का कहना है कि वो न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी तक गई लेकिन आरोपी आज दिन तक खुलेआम घूम रहा है और उसे धमकियां दे रहा है.

पढ़ें-दो साल बाद पाकिस्तानी दुल्हनों का हुआ वाघा बॉर्डर से 'गृह प्रवेश', जैसलमेर-बाड़मेर के दूल्हों ने जताई खुशी

पीड़िता का कहना है कि एक ओर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया जाता है और महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है, वहीं दूसरी ओर महिलाएं न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. पीड़िता का कहना है कि उसे न्याय मिले अन्यथा उसे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details