जैसलमेर. पाकिस्तानी सीमा से सटा सरहदी जिला जैसलमेर में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही यहां के लोग अलर्ट हो गए. शहरों में सोशल डिस्टेंसिंग का लोग पालन करने लगे, लोग मास्क लगाने लगे, पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से पूरे मामले को लेकर नजर बनाए हुए थे. ऐसे में अब सवाल ये कि आखिर कोरोना गांवों तक नहीं पहुंच सके इसके लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं, क्या गांव के लोग कोरोना वायरस को लेकर सरकार की तरह से जारी की गई गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं, गांव के लोग कितने सतर्क और सजग है. इसी का जायजा लेने ईटीवी भारत जैसलमेर जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर अमरसागर ग्राम पंचायत पहुंचा.
अनलॉक 1.0 चल रहा है ऐसे में अमरसागर ग्राम पंचायत में जनजीवन सामान्य दिखा. कई महिलाएं झुंड में हमें पानी लेकर जाती हुई नजर आईं, लेकिन सभी ने अपना मुंह ढक रहा था साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी महिलाएं ख्याल रखती दिख रही थीं. हमने कुछ ग्रामीणों ने बात की जिन्होंने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से ही ग्राम पंचायत के सभी मुख्य मार्गो को ग्रामीणों ने बंद कर दिया था.
गांव के बाहर से आने वाले लोगों की मनाही थी. गांव में जो लोग आते थे उनके लिए रजिस्टर मेनटेन किया जा रहा था, साथ ही 14 दिन के क्वॉरेंटाइन में उसे रखा गया. लोग सख्ती से लॉकडाउन का पालन भी कर रहे हैं. लेकिन फिलहाल, अनलॉक 1.0 में मिली ढील के बाद ग्रामीण फिर से आम दिनों की तरह ही अपनी जिंदगी जीने लगे हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक, एएनएम और पंचायत स्तर पर बनी टीम लगातार अभी भी ग्रामीणों को कोरोना वायरस को लेकर सुझाव दे रही है. गांव की सरपंच पूनम परिहार कहती हैं कि ऐसा इस लिए किया जा रहा है ताकि ग्रामीण लापरवाही नहीं करें. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से हमें ढील मिली है लेकिन कोरोना वायरस से नहीं. अभी भी कोरोना वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है. सरपंच पूनम परिहार इस दौरान यह भी कहती हैं कि हमारा प्रयास और ग्रामीणों की सजगता का ही यह नतीजा है कि अभी तक हमारी ग्राम पंचायत में एक भी कोरोना से संक्रमित मरीज नहीं मिला है.
ग्रामीणों के लिए रोजगार:
कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूरों के सामने सबसे बड़ा संकट रोजी-रोटी का है. लेकिन अमरसागर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है. सभी जरूरतमंद लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए ग्राम पंचायत में 13 स्थानों पर मनरेगा कार्य चल रहा है, जहां 500 से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं. लंबे समय से घरों में कैद, और आर्थिक तंगी से जूझ रहे दिहाड़ी मजदूर रोजगार मिलने से खुश हैं.
गाइडलाइंस की पालना:
ग्राम विकास अधिकारी मनोहरलाल कहते हैं कि ग्रामीणों को सरकारी निर्देशानुसार रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है लेकिन इसके साथ ही सरकार द्वारा जारी की गई सभी नियमों की पालना भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर सभी श्रमिकों को मास्क पहनना अनिवार्य है, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ समय-समय पर हाथ धोना, सैनिटाइज करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ग्राम विकास अधिकारी ने आगे बताया कि इसके साथ ही जरूरतमंद लोगों को समय-समय पर जिला प्रशासन और स्थानीय भामाशाहों के सहयोग से राशन किट वितरित किए गए और खास तौर पर पाक विस्थापितों के लिए विशेष प्रयास किए गए.