जैसलमेर. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू रविवार को दोपहर 1 बजे वायुसेना के विशेष विमान से जैसलमेर के एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे. जहां राज्यपाल कलराज मिश्र ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनकी अगवानी की. एयर स्टेशन पर उप राष्ट्रपति का स्वागत करने के दौरान राज्यसभा सदस्य राजेन्द्र गहलोत, राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और जैसलमेर विधायक रूपाराम समेत कई नेता मौजूद रहे.
एयरफोर्स स्टेशन से उप राष्ट्रपति का काफिला जैसलमेर के सर्किट हाउस पहुंचा, जहां पर दोपहर का भोजन करने के बाद वे वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से भारत-पाक सीमा पर तनोट माता मंदिर पहुंचे. उप राष्ट्रपति ने बॉर्डर पर स्थित तनोट माता मंदिर में दर्शन किये. तनोट पहुंचने पर हेलीपैड पर सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटियर के आईजी पंकज घुमर, बीएसएफ डीआईजी नॉर्थ अरुण कुमार सिंह, जिला प्रमुख प्रतापसिंह ने उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और राज्यपाल कलराज मिश्र का स्वागत किया. इस दौरान जिला कलेक्टर आशीष मोदी और पुलिस अधीक्षक अजय सिंह भी मौजूद रहे.
तनोट माता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना
मंदिर में उप राष्ट्रपति ने अपनी पत्नी एम. उषा नायडु के साथ तनोट माता की विशेष पूजा-अर्चना की और देश में खुशहाली की कामना की. इस दौरान उन्होंने मंदिर में भारत-पाक युद्ध के समय पाकिस्तान की ओर से फेंके गए बमों को नजदीक से देखा. माना जाता है कि तनोट माता के चमत्कार के कारण ये बम नहीं फटे. उन्होंने तनोट मंदिर परिसर में स्थित युद्ध की विजय स्मृति में बने विजय स्तंभ पर वीर सैनिकों को पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया.
बैटल ऑफ़ लोंगेवाला का किया अवलोकन
उप राष्ट्रपति ने तनोट माता मंदिर में दर्शन करने के बाद 1971 के प्रसिद्ध युद्ध स्थल लोंगेवाला का रुख किया. जहां मेजर जनरल अजीत सिंह गहलोत ने उन्हें ऐतिहासिक लोंगेवाला युद्ध की जानकारी दी. इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं उनकी पत्नी ने राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कैबिनेट मंत्री बी.डी. कल्ला के साथ प्रसिद्ध युद्ध स्थल को देखा.
फेसबुक पोस्ट कर साझा किया अनुभव
इस दौरान उपराष्ट्रपति ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लोंगेवाला युद्ध स्थल की अपनी यात्रा को जीवन का अविस्मरणीय अवसर बताया. उन्होंने लिखा कि भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट, धूल भरे थार रेगिस्तान में रेत के टीले पर खड़े हो कर उस भीषण युद्ध की गाथा सुनना और हमारे वीर सैनिकों के पराक्रम की कहानियां सुनना, मेरी स्मृति में हमेशा के लिए अंकित रह गया है.
उप राष्ट्रपति ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि लोंगेवाला युद्ध में मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी और 23 पंजाब की A कंपनी के उनके साथी सैनिकों के शौर्य की सराहना की. उप राष्ट्रपति ने लिखा लोंगेवाला का युद्ध देश के सामरिक इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जिसमें देश के फौलादी इरादों को उजागर किया गया, जिसमें संख्या बल में कम सैनिकों ने अपने से कहीं बड़ी दुश्मन की आगे बढ़ती सेना को रोक दिया.