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संजीवनी कोऑपरेटिव केस: शेखावत बोले- लीगल तरीके से देंगे नोटिस का जवाब...सीएम गहलोत पर लगाए गंभीर आरोप - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शुक्रवार को जैसलमेर के दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव मामले में नोटिस मिलने पर कहा कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. वे लीगल तरीके से इसका जवाब जल्द ही देंगे.

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संजीवनी को-ऑपरेटिव मामले को लेकर क्या बोले गजेंद्र सिंह शेखावत

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Published : Dec 25, 2020, 9:53 PM IST

जैसलमेर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जैसलमेर दौरे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हाल ही में संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव मामले में उन्हें और उनके परिवार के एक सदस्य को हाईकोर्ट द्वारा नोटिस जारी करने को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें देश की न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और वे इसका लीगल तरीके से जवाब जल्द ही देंगे.

संजीवनी को-ऑपरेटिव मामले को लेकर क्या बोले गजेंद्र सिंह शेखावत

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के उनके सामने लोकसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा उन पर कई सारे निशाने लगाए गए हैं और अभी भी वे झूठे आरोप लगाने के प्रयास कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन पर कई प्रकार के झूठे आरोप लगाए गए हैं और कई झूठे मामले भी दर्ज किए गए हैं. मंत्री ने कहा कि सत्य को कभी झुकाया नहीं जा सकता. मंत्री ने कहा कि कई जांचे हो चुकी हैं और आगे भी वो हर जांच के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री गहलोत को देश की जिस किसी जांच एजेंसी से जांच करवानी है, वे करवा लें. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि डरता वह है, जिसके मन में पाप और झूठ होता है. उन्हें किसी प्रकार का भय नहीं है, क्योंकि उन्होंने कोई अपराध या गलत काम नहीं किया.

वहीं उन्होंने प्रदेश की सरकार को तोड़ने के प्रयास के कांग्रेस के आरोपों पर व्यंग कसते हुए कहा कि यदि पति-पत्नी में झगड़ा हो और उसका आरोप पड़ोसी पर लगाया जाए, यह कुछ वैसा ही मामला है. कांग्रेस आपस में ही लड़ रही थी और उसका आरोप भाजपा पर लगा रही है.

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वहीं इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कहा कि प्रदेश में पत्रकार, कथावाचक, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग कोई भी सुरक्षित नहीं है और प्रदेश के थानों से जबरन अपराधी छुड़वाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार का मुखिया और गृहमंत्री दोनों एक ही व्यक्ति होने के बाद भी वे मौन खड़े हैं और इसे देख रहे हैं और अपनी इस विफलता को छुपाने के लिए केंद्र सरकार और दूसरे लोगों पर इसका आरोप मढ़ रहे हैं.

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