जैसलमेर. जिले में पिछले 25 दिनों से चल रहे ट्रक संचालकों और ठेकेदार के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी के चलते ट्रक संचालकों ने रविवार 6 सितंबर को आमरण अनशन शुरू किया था जो चौथे दिन यानी बुधवार को भी जारी है. इस दौरान पहले दिन से अनशन पर बैठे गोमदराम के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है.
चौथे दिन भी आमरण अनशन जारी मंगलवार को भी स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान डॉक्टर ने कहा था कि इन्हें जल्द ही उपचार की आवश्यकता है, लेकिन अनशनकारी ने इससे साफ इनकार कर दिया था. बुधवार को रामगढ़ थानाधिकारी महेंद्र सिंह खीची मौके पर पहुंचे और चिकित्सकों की ओर से इस दौरान अनशनकारी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. डॉ. आलोक जैन ने बताया कि कल की तुलना में आज उनके स्वास्थ्य में अधिक गिरावट है और उनका वजन घट रहा है. साथ ही ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल भी गिर रहा है. ऐसे में इनकों जल्द उपचार की आवश्यकता है, लेकिन अनशनकारी और ट्रक संचालक जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक वहां से हटना नहीं चाहते.
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इस दौरान रामगढ़ थानाधिकारी की ओर से पुलिस के जवानों को अनशनकारी गोमदराम को वहां से उपचार के लिए रामगढ़ सीएचसी ले जाने के लिए कहा गया तो वहां उपस्थित सभी ने विरोध किया और स्वास्थ्य परिक्षण के लिए मना कर दिया. ट्रक यूनियन के अध्यक्ष कंवराज सिंह जाम ने कहा कि किसी को भी अपराधियों की तरह यहां से उठा के नहीं ले जाने दिया जाएगा. पुलिस और प्रशासन को इसकी इतनी ही फिक्र है तो समय रहते ठेकेदार से वार्ता करके उनकी उचित मांगों को मान लिया जाए, अन्यथा अनशनकारियों को कुछ भी हुआ तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
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ट्रक संचालकों का कहना है कि आमरण अनशन उनके लिए अंतिम कदम था, क्योंकि इससे पहले वो कई दिनों तक हड़ताल पर थे, लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गयी थी. गौरतलब है कि पिछले 25दिनों से ट्रक संचालक लाइम स्टोन की ढुलाई दरों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन अब तक इनकी मांगें नहीं मानी गयी है. जिले के जनप्रतिनिधियों की ओर से इन्हें आश्वासन तो दिया गया था, लेकिन अब तक इसका कोई समाधान नहीं निकला. वहीं, जिला प्रशासन की अनदेखी और उदासीनता भी इस मामले में साफ तौर पर देखी जा सकती है. अब तक इस विवाद को निपटाने के लिए उनकी तरफ से कोई विशेष प्रयास नहीं दिखाई दिया.