जैसलमेर.कोरोना ने जहां शुरुआत में ही पर्यटन को झटका दे दिया था वहीं अब इस सीजन की शुरुआत भी पिटती दिख रही है. जुलाई माह में आम तौर पर सैलानियों की आवक शुरू हो जाती है लेकिन इस बार जुलाई में पर्यटक नहीं आए. वहीं सीजन का दूसरा महीना भी खाली जा रहा है. ऐसे में पर्यटन व्यवसायियों की चिंता बढ़ती जा रही है.
वहीं सरकार और प्रशासन की तरफ से सैलानियों को आकर्षित करने के किसी तरह के प्रयास नहीं हो रहे हैं. एक तरफ तो सरकार कोरोना के साथ जीना सीखने की बातें कर रही है तो दूसरी तरफ कोरोना के साथ सैलानियों का जैसलमेर पहुंचना मुश्किल ही लग रहा है. कोरोना के साथ सैलानियों को यहां बुलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. अभी तक ट्रेनें शुरू होने का कोई शेड्यूल भी जारी नहीं हुआ है. 12 अगस्त तक ट्रेनें रद्द कर दी गई थी. उसके बाद नई ट्रेनें शुरू करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यदि ट्रेनों का संचालन शुरू होता है तो पर्यटकों के आने की उम्मीद बनेगी.
परिस्थितियों को देखते हुए पर्यटन व्यवसायियों के मन में सिर्फ एक ही सवाल है कि सैलानी कब आने शुरू होंगे. जुलाई व अगस्त माह खत्म होने को है और सैलानी जैसलमेर नहीं पहुंचे हैं. पर्यटन व्यवसायी यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आगामी सितंबर व अक्टूबर माह में सैलानियों की आवक शुरू हो जाएगी तो राहत मिल जाएगी.
पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि जैसलमेर शहर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही निर्भर करती है. ऐसा माना जा रहा है कि यदि पूरा सीजन ऐसा रहा तो सब कुछ चौपट हो जाएगा. बाजार में पैसे की आवक थम जाएगी और हर व्यवसाय में मंदी छा जाएगी. इतना ही नहीं पर्यटन पर सीधे तौर पर निर्भर हजारों परिवारों पर रोजी रोटी पर संकट गहरा जाएगा. पर्यटन व्यवसायी मानते हैं कि कैसे भी कर आगामी अक्टूबर - नवंबर की सीजन तक पर्यन की शुरुआत हो तो सब कुछ पटरी पर आ सकता है.