जैसलमेर: टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत के तिरंगे की शान बढ़ाने वाले नीरज चोपड़ा किसी पहचान के मोहताज नहीं. हर भारतीय आज उनसे खुद को जुड़ा पाकर गर्व की अनुभूति कर रहा है. राजस्थान के लोग गौरवान्वित हैं कि नीरज का उनसे भी गहरा नाता है. वो नाता नीरज चोपड़ा के नाम के आगे लगा पद सूबेदार उनसे जोड़ता है.
स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के पहले गुरु थे काशीनाथ नायक
दरअसल, नीरज चोपड़ा 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं. और उनकी ये यूनिट इन दिनों उदयपुर में तैनात है जो जैसलमेर के बैटलैक्स डिवीजन का हिस्सा है. सो ये है नीरज का राजस्थान कनेक्शन
Southern कमांड ने ट्वीट कर दी बधाई नीरज चोपड़ा के द्वारा शनिवार 7 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में 87. 58 मीटर दूर भाला फेंक ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में इतिहास रच डाला. भारत के नाम पहला गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ ही Southern Command ने भी ट्वीट कर उनकी सफलता पर बधाई दी. जैसलमेर स्थित बैटल एक्स डिवीजन के GOC मेजर जनरल अजीत सिंह गहलोत इसे गर्व का पल बताया.
इस जीत के बाद उदयपुर स्थित उनकी 4 राजपूताना राइफल यूनिट के साथ ही जैसलमेर के बैटलैक्स डिवीजन में भी भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों ने खुशी का इजहार किया.
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय सेना के कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी 2004 (2004 Athens Olympic Games) में एथेंस में आयोजित ओलंपिक में डबल ट्रेप प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता था. उन्होंने देश के लिए पहला व्यक्तिगत सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा था. ओलिंपिक के इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी को सिल्वर मेडल हासिल हुआ था. राठौड़ के मेडल ने देश में निशानेबाजी की दशा बदल दी.