जैसलमेर. पश्चिमी सीमा क्षेत्र में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपना नेटवर्क बढ़ा रही है. इसके लिए मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल होने लगा है. सीमावर्ती क्षेत्र के लोग जिन्हें व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपने दोस्त बना रहे हैं. वे उन्हें बड़े संकट में डाल सकते हैं. हाल ही में ऐसे कई सामने आए हैं. जिसमें जासूसी का हवाला देकर युवाओं को फंसाया गया है. वहीं पाकिस्तानी सिम और नेटवर्क दोनों ही पश्चिमी सीमा के भीतर तक आते हैं. भारत के बार-बार कहने के बाद भी इसको लेकर पाकिस्तान ना कोई कार्रवाई कर रहा है और ना ही मामले में स्पष्टीकरण देता है.
व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए सामान्य बातों से शुरूआत के बाद कई जानकारियां जुटाने की कोशिश की जाती है. लोग सोसल मीडिया पर जानकारी एक दूसरे से शेयर कर देते हैं. उन्हें यह नहीं मालूम कि जिसे वे सामान्य दोस्ती मान रहे हैं वह उनके लिए खतरा बन सकती है.
अब पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ का नया तरीका अपनाया जा रहा है. इसके तहत व्हाट्सएप, फेसबुक और इंटरनेट के जरिए पाकिस्तान की साइट्स और नेटवर्क से युवाओं को जुड़ने पर लाभ देने की लालच दी जा रही है. जिसमें फंसने वाले युवाओं का इस्तेमाल किया जाने लगा है. दरअसल, पाक विस्थापित पाकिस्तानी अपनी रिश्तेदारी वाले और सीमांत क्षेत्र के लोगों को सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जो देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरानाक साबित हो सकता है. इसके लिए पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया ग्रुप संचालित किया जा रहा है. इंटरनेट यूजर्स नए दोस्त बनाने के चक्कर में पाकिस्तान के सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़ रहे हैं.
फिलहाल पाकिस्तान के घुसपैठ से नई चाल से भारतीय एजेंसियों बेखबर नहीं है. जिसके चलते सीमावर्ती इलाकों में युवाओं के ऐसे ग्रुप से ना जुड़ने की सलाह दी जाती है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के संभावित जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान के ड्रोन आए दिन श्रीगंगानगर में देखे जाते हैं. पाक भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी हासिल करने में जुट गया है. उसकी खुफिया ऐजेन्सी आई.एस.आई ने राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में लोगों से सीधे कॉल करके सूचनाएं जुटाने की नापाक कोशिशें तेज कर दी हैं.