जैसलमेर.आमतौर पर सर्दी के दिनों में देखा जाता है कि वन्यजीवों के साथ ही अन्य जीवों की शिकारियों की ओर से शिकार की घटनाएं बढ़ जाती है. बात करें सरहदी जिले जैसलमेर की तो यहां भी पिछले वर्ष हिरण शिकार के कुछ मामला सामने आए थे, लेकिन राष्ट्रीय मरू उद्यान में डीएनपी के अधिकारियों और कर्मचारियों की सजगता और विभिन्न जागरूकता अभियानों का ही नतीजा है कि गत वर्ष डीएनपी क्षेत्र में एक भी शिकार का मामला सामने नहीं आया.
डीएनपी के उपवन संरक्षक कपिल चंद्रवाल ने बताया कि हालांकि जिले में शिकार के कुछ मामले पिछले वर्ष सामने आए थे, लेकिन डीएनपी क्षेत्र में एक भी शिकार का मामला सामने नहीं आया. उन्होंने बताया कि डीएनपी क्षेत्र में गोडावण सबसे महत्वपूर्ण पक्षी है, गोडावण के साथ अन्य वन्यजीवों की निगरानी फील्ड स्टाफ एवं टेरिटोरियल आर्मी की एक टीम की ओर से की जाती है.