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जैसलमेर में जल्द शुरू होगी कोरोना की जांच - जैसलमेर में कोरोना की जांच

जैसलमेर जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से जिले में कोरोना जांच के लिए लैब बनाई जा रही है. जल्द ही जिले में ही कोरोना सैंपलों की जांच होगी. जिससे रिपोर्ट जल्दी मिलेंगे. वर्तमान में जिले के सैंपलों को जांच के लिए बाड़मेर भेजा जाता है.

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जल्द बनेगा कोरोना लैब

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Published : Jul 30, 2020, 9:42 PM IST

जैसलमेर. सरहदी जिले जैसलमेर से चिकित्सा सेवाओं से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है. जल्द ही जैसलमेर में कोरोना सैंपल की जांच हो सकेगी. प्रदेश में 11 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना सैंपल की जांच नहीं हो रही है. राज्य सरकार ने इन सभी जिलों में जल्द से जल्द आरटीपीसीआर मशीन लगाने का निर्णय लिया है. ऐसे में अब जैसलमेर में भी जल्द ही कोरोना की जांच हो सकेगी.

बता दें कि, पहले जैसलमेर के कोरोना सैंपल जांच के लिए जोधपुर जाते थे. जब बाड़मेर में जांच शुरू हुई. जिसके बाद अब कोरोना सैंपल जांच के लिए बाड़मेर भेजे जाते हैं. ऐसे में बाड़मेर से सैंपलों की रिपोर्ट आने में 48 से 72 घंटे लगते हैं. लेकिन अब जैसलमेर में जांच शुरू होने के बाद उसी दिन सैंपल की रिपोर्ट आ जाएगी.

सरकार से मिले निर्देशों के बाद पीएमओ और सीएमएचओ ने मशीन लगाने की तैयारियों में जुट गए हैं. मशीन सेटअप के लिए फिलहाल गांधी कॉलोनी के अंबेडकर भवन को चिन्हित किया गया है. नगर परिषद ने इस भवन के लिए स्वीकृति दे दी है. हालांकि, अब जिला कलेक्टर की स्वीकृति ही शेष है. इस मशीन सेटअप के साथ 15 टेक्नीशियन लगाए जाएंगे और उनके साथ सरकार की ओर से माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी भेजा जाएगा. जिनमें से टेक्नीशियन स्थानीय स्तर पर संविदा पर ही लगाए जाने के निर्देश हैं.

जल्द बनेगा कोरोना लैब

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जवाहर अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी. के. वर्मा ने बताया कि, आरटीपीसीर से जांच कार्य करीब आगामी 20 से 25 दिन बाद सुचारू रूप से आरंभ किया जाएगा. जिससे जैसलमेरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी. अब जिले में कोरोना, स्वाइन फ्लू सहित सभी वायरल डिजीज की टेस्टिंग यही हो सकेगी.

बता दें कि, कोरोना संदिग्ध मरीजों का सबसे पहले पॉलीमर चैन रिएक्शन टेस्ट (पीसीआर) कराया जाता है. यह एक ऐसी तकनीक है, जो डीएनए के खंड की प्रतियां बनाता है. पॉलीमर उन एंजाइम को दर्शाता है जो डीएनए की प्रतियां बनाते हैं. पहला चरण कोरोना वायरस के सामान्य अनुवांशिक तत्वों का पता लगाने के लिए बनाया जाता है. दूसरा चरण केवल कोरोना वायरस में मौजूद विशिष्ट जीन के परीक्षण के लिए डिजाइन किया जाता है. इस मशीन से कोरोना के अलावा स्वाइन फ्लू और अन्य वायरस जनित बीमारियों की भी जांच की जा सकेगी.

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