जैसलमेर. जिले के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की ओर से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. बता दें कि किसानों की जमीनों का सर्वे कर वहां की मिट्टी के साथ अधिकतम पैदावार कैसे ली जा सके इसके लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को जैसलमेर जिले के खड़ीन किसानों की कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग के कार्यालय में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया.
कार्यशाला में जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि जैसलमेर में हालांकि कम बारिश होती है लेकिन यहां पर खड़ीन पद्धति से होने वाली खेती में किसानों की ओर से गेहूं और चने की खेती की जाती है, जो कि अपने आप में अविश्वसनीय है. उन्होंने बताया कि कम बारिश के बाद भी पानी को सहेजने और उससे खेती करने की कला में यहां के लोग माहिर तो हैं, लेकिन आधुनिक तकनीकों का ज्ञान नहीं होने से किसान आशानुरूप पैदावार नहीं ले पाते हैं. उन्होंने किसानों को बताया कि विभाग की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है, जिनसे जुड़कर खड़ीन किसान अपनी खेती में नवाचार करते हुए अपनी आय को दोगुना कर सकता है और साथ ही कम बारिश के बाद भी अधिकतम पैदावार ले सकता है.