जैसलमेर.प्रदेश सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरल को लेकर क्या व्यवस्था और कैसे हाल है. इसका जायजा लेने ईटीवी भारत जैसलमेर पहुंचा. जहां की हालत देखकर ये साफ होता है कि खुद अस्पताल बीमार है, तो वो कैसे कोरोना से लड़ सकेगा. जैसलमेर जिला अस्पताल की बात करें तो यहां आइसोलेशन वार्ड में हाइजीन से लेकर साफ सफाई और 24 घंटे डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी होनी चाहिये, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला.
जब हम वहां पहुंचे और देखा तो वहां का नर्सिंग ड्यूटी रूम ही बंद था और वहां पर ताला लटक रहा था. वहीं सफाई व्यवस्था का भी इस पूरे वार्ड में बुरा हाल था. यहां के बाथरूम से लेकर कमरे बयां कर रहे थे कि यहां कई दिनों से सफाई नहीं हुई है. ऐसे में कोरोना से पीडित व्यक्ति यहां भर्ती होता है तो बजाय ठीक होने के और बीमार ही पड़ जाए.
इसी बीच हमें एक मरीज भी मिला. जिसे कोरोना के संदेह के चलते यहां भर्ती किया गया था, जब हमने इस मरीज से बात की तो इसने अपना नाम बाखू बताया और कहा कि पिछले दिनों इटली का दंपत्ति जो कोरोना से पीड़ित था. जिस होटल में रूका था, वह वहीं काम करता था. लिहाजा प्रशासन ने एहतियात के तौर पर उसे ऑब्जर्वेशन में रखा है. लेकिन उसका कहना था कि ना तो यहां कोई सफाई के लिए आता है और ना ही कोई डॉक्टर या नर्सिंग स्टॉफ उसे चेक करने आते हैं, एक कैदी की तरह उसे उस वार्ड में बंद कर के रखा गया है. जहां सफाई और हाइजीन का कोई बंदोबस्त नहीं है. ऐसे में उसे भय है कि वो वाकई में बीमार ना पड़ जाए.
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