जैसलमेर. धरती पर तेजी से विलुप्त हो रहे शेड्यूल फर्स्ट के वन्य जीव प्राणी गोडावण (द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) को बचाने के लिए चल रहे कंजर्वेशन ब्रीडिंग प्रोग्राम को रिव्यू करने और गोडावण विचरण क्षेत्र की दोबारा से पहचान करने के साथ ही गोडावण के प्रजनन क्षेत्र से निकल रही बिजली की तारों को अंडरग्राउंड करने की संभावना का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार के निर्देशानुसार मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेस्ट एनवायरनमेंट और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की एक विशेष टीम रविवार को जैसलमेर पहुंची और 22 फरवरी सोमवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर गोडावण के क्षेत्र को इन समस्याओं से मुक्त करने के संबंध में संभावनाएं तलाशी.
23 फरवरी मंगलवार को इस कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें डेजर्ट नेशनल पार्क जैसलमेर के अधिकारी भी मौजूद रहे. साथ ही सुदासरी स्थित गोडावण कंजर्वेशन सेंटर का भी दौरा किया गया. केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ के डीआईजी राकेश जगन्या के नेतृत्व में टीम में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ. यदुवेंद्रसिंह झाला, डॉ. सुथिरतो दत्ता, डॉ. कमर कुरैशी सहित केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी और राजस्थान सरकार के वन विभाग और बिजली विभाग के अधिकारी भी शामिल है.