पोकरण (जैसलमेर).राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर की तरफ से राज्य स्तरीक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिला स्तर पर राजकीय बाल संप्रेषण गृह, एडीआर सेंटर, सवेरा संस्थान और तालुका पोकरण पर स्वामी विवेकानन्द राजकीय माॅडल विद्यालय पोकरण में सिस्को वेव एक्स एप के माध्यम से प्रसारित किया गया. कार्यकारी अध्यक्ष रालसा और प्रशासनिक न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय न्यायाधिपति संगीत लोढ़ा की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया.
रालसा के सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र कुमार जैन ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जगहों से बालिकाओं ने इस कार्यक्रम में बालिका दिवस पर कविता, व्याख्यान, गीत आदि की प्रस्तुति दी. समाज के विकास में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान और भागीदारी, महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा, संरक्षण और विकास के लिए उन्हें विशिष्ठ कानूनी अधिकार और सुविधाएं दी गई.
बालिका समृद्धि योजना, महिला सामर्थ योजना, आंगनबाडी केन्द्र योजना, शिक्षण शुल्क और छात्रवृति को लेकर भी चर्चा की गई. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने वर्चुअल माध्यम से महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के आगे बढ़ने और उनको अपने लक्ष्य पर पहुंचने पर जोर दिया. कार्यक्रम में तालुका विधिक सेवा समिति, पोकरण के अध्यक्ष डाॅ. सूर्यप्रकाश पारीक अपर जिला और सेशन न्यायाधीश पोकरण के निर्देशन में न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय सांकड़ा मुख्यालय पोकरण के आरजेएस जितेन्द्र कुमार और पैनल अधिवक्ता मोहम्मद इकबाल की तरफ से उपस्थिति छात्राओं को सेवाएं योजना 2015 की विस्तृत रूप से जानकारी दी.
इस दौरान उन्होंने कहा कि विद्यालयों और सार्वजनिक स्थल पर अगर कोई बच्चों के साथ अभद्र व्यवहार करता है तो उसको कानून के अनुसार सजा दी जाती है. बच्चों के अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बालक देश का भविष्य है वहीं देश का भाग्य निर्माता है. देश का समग्र विकास बच्चों पर पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय संविधान में बालकों को महत्वपूर्ण अधिकार दिए हुए हैं.