जैसलमेर. विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपनी एक खास पहचान रखने वाला जैसलमेर जिला देशी और विदेशी सैलानियों के लिए एक रोचक यात्रा स्थान है. भारत-पाक सीमा पर बसा रेगिस्तान के बीच खड़ा अत्यंत ही रहस्यमयी और काल्पनिक सा दिखने वाला जैसलमेर किसी स्वप्न नगरी से कम नहीं है. देश के पश्चिमी कोने में बसा जैसलमेर जिला अपनी विविधताओं के चलते सैलानियों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और दूर-दूर तक पसरा रेगिस्तान और पीले पत्थरों से बने किले, हवेलियों के साथ-साथ इस रेगिस्तान में पानी की कल्पना केवल मृगतृष्णा में की जा सकती है.
जिले की ऐतिहासिक गड़ीसर झील सैलानियों को रेगिस्तान का अहसास करवाती है. रेगिस्तान के बीच जहां सैलानी रेतीले समुंदर में ऊंट की सवारी का सपना संजो कर आते हैं. उन्हें अगर यहां की गड़ीसर झील में नौकायन का मौका मिलता है तो यह उनके लिए किसी सपने से कम नहीं होता है. 14वीं सदी के रियासत कालीन जैसलमेर के तत्कालीन महारावल गड़सी सिंह द्वारा जैसलमेर नगर की जनता को अकाल के दौरान होने वाली पेयजल की दिक्कत को दूर करने के लिए नगर परकोटे के पास इस झील का निर्माण करवाया गया था.