राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

नहीं रहे पश्चिमी राजस्थान की राजनीति के 'सुल्तान', कुछ ऐसा है फकीर परिवार का रसूख

जैसलमेर में कांग्रेस की राजनीति की धुरी कहे जाने वाले फकीर परिवार के मुखिया, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और प्रदेश की गहलोत सरकार में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर का 27 अप्रैल मंगलवार को अलसुबह जोधपुर के शुभम हॉस्पिटल में निधन हो गया. जिसके बाद जैसलमेर सहित राजस्थान भर में गमगीन माहौल हो गया है, साथ ही कई राजनीतिक दिग्गजों और उनके प्रशंसकों ने दुख व्यक्त किया है.

minister saleh mohammed father
सरहद के सुल्तान

By

Published : Apr 27, 2021, 12:54 PM IST

जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थान की राजनीति के 'सुल्तान' कहे जाने वाले गाजी फकीर के निधन पर प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संवेदनाएं व्यक्त की है. आज मंगलवार 27 अप्रैल को पैतृक गांव झाबरा में उनको सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

पढ़ें :मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर का निधन, CM ने जताया दुख

सियासी भाषा में सरहद के इस सुल्तान के लिए कहा जाता था कि इनकी रजामंदी के बिना जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में सरपंच का चुनाव भी जीतना बड़ा मुश्किल था. जैसलमेर की राजनीति में फकीर परिवार की शुरुआत 1975 से हुई थी. पूर्व विधायक भोपालसिंह ने गाजी फकीर को राजनीति में पहचान दिलाई थी. गाजी फकीर ने जैसलमेर में सियासी वर्चस्व स्थापित करने के लिए पहला दांव 1985 में खेला जब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर भोपालसिंह मैदान में थे. बीजेपी की ओर से जुगत सिंह चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन फकीर परिवार ने निर्दलीय मुल्तानाराम बारूपाल को मैदान में उतारकर मुस्लिम-मेघवाल गठबंधन का फॉर्मूला सेट कर उन्हें जीत दिलाई.

अपने परिवार के सदस्यों को सरपंच से लेकर मंत्री तक का सफर तय करवाया...

गाजी फकीर को खास तौर पर छोटे चुनाव और पंचायती राज चुनाव में महारत हासिल थी और यही वजह है कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों में कइयों को सरपंच जिला परिषद सदस्य प्रधान और प्रमुख पद पर काबिज किया. गाजी फकीर के भाई हाजी फतेह मोहम्मद जिला प्रमुख पद पर काबिज रहे. इसके साथ ही उनके पुत्र सालेह मोहम्मद और अब्दुल्ला फकीर भी जैसलमेर जिला प्रमुख की सीट पर बैठे और मंझले पुत्र अमरदीन भी गत बार जैसलमेर पंचायत समिति से प्रधान रह चुके है. वर्तमान में उनके पुत्र पीराने खान और इलियास मोहम्मद पंचायत समिति सदस्य हैं. उनकी एक पुत्रवधु जिला परिषद सदस्य तो बड़े पुत्र साहेह मोहम्मद राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.

सिंधी-मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु...

गाजी फकीर पाकिस्तान में मुस्लिम समाज के बड़े धर्मगुरु पीर पगारों के नुमाइंदे थे और कई मौकों पर उनके एक इशारे पर सिंधी-मुस्लिम समुदाय अपना वोट देते थे. यही वजह है कि जैसलमेर-बाड़मेर की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले गाजी फकीर का पूरा परिवार लंबे अरसे से राजनीति में सक्रिय है. 2013 में गाजी फकीर देश और प्रदेश में काफी चर्चित रहे थे, जब जैसलमेर एसपी रहते हुए आईपीएस पंकज चौधरी ने गाजी फकीर की हिस्ट्रशीट वापस खोला था.

हालांकि, गाजी फकीर ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन अपनी राजनीतिक दूरदर्शिता के चलते जैसलमेर सहित बाड़मेर, बीकानेर और फलौदी (जोधपुर) में फकीर विशेष स्थान रखते थे. यही कारण है कि पश्चिमी राजस्थान को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और यहां की राजनीति का गाजी फकीर को सुल्तान.

ABOUT THE AUTHOR

...view details