जैसलमेर.जिले में गोवंश के नाम पर कई गौशालाओं के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. जिसमें सालाना करोड़ों रुपए का अनुदान राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से उठाया गया, लेकिन धरातल पर गोवंश के लिए कोई भी व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में गोवंश संरक्षण के नाम पर संचालित गौशालाओं में बड़ा घपला सामने आया है.
पशुपालन विभाग की टीम के निरीक्षण में गौशालाओं के संचालकों की पोल खुलकर सामने आ गई. हाल ही में 25 गौशालाओं का भौतिक सत्यापन किया गया, तो इस दौरान 12 गौशालाओं में एक भी गाय नहीं मिली. बावजूद इसके गौशालाओं के संचालक हर साल अनुदान राशि उठा रहे थे, साथ ही इनमें 6 गौशालाएं ऐसी भी है. जिन्होंने पिछले वर्ष का लगभग 62 लाख रुपए का भुगतान भी उठा लिया. हाल ही में विभागीय टीम की ओर से जैसलमेर नोडल की 25 गौशालाओं का आकस्मिक निरीक्षण किया गया. इस दौरान सिर्फ 4 गौशाला में ही भवन पाया गया. इसके साथ ही, पशुधन के लिए 20 ऐसी गौशालाएं हैं, जिसमें छाया की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. जबकि, सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए का भुगतान किया जाता है. इसके साथ ही 9 ऐसी गौशालाएं भी सामने आई, जिसमें पिछले साल की तुलना में इस साल गोवंश की संख्या कम पाई गई.