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SBI बैंक में केसीसी नवीनीकरण कराने को लेकर कतार में खड़े किसान की तबीयत बिगड़ने से मौत - जैसलमेर राष्ट्रीयकृत बैंक

जैसलमेर जिले के रामगढ़ कस्बे के एसबीआई बैंक में केसीसी नवीनीकरण करवाने आए किसान की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. मृतक की पहचान पदमसिंह पुत्र भैरूसिंह निवासी सेउवा के रूप में हुई है. वहीं, चिकित्सकों के अनुसार पदमसिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो सकती है.

बैंक में तबीयत बिगड़ने से किसान की मौत, Farmer death due to deteriorating health in bank
बैंक में तबीयत बिगड़ने से किसान की मौत

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Published : Dec 25, 2020, 2:23 PM IST

जैसलमेर. जिले के रामगढ़ कस्बे के एसबीआई बैंक में केसीसी नवीनीकरण करवाने आए किसान की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. मृतक की पहचान पदमसिंह पुत्र भैरूसिंह निवासी सेउवा के रूप में हुई है.

बैंक में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पदमसिंह पुत्र भैरूसिंह निवासी सेउवा केसीसी नवीनीकरण करवाने के लिए बुधवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे लाइन में लगा था. बैंक में भीड़ अधिक होने कारण उसे चक्कर आने लगा, तो पास खड़े लोगों ने उसे बैठने को कहा. वहीं, लोगों के पूछने पर उसने बताया कि उसके सीने में दर्द हो रहा है और घुटन महसूस हो रही है. तब लोगों ने उसे बैंक के बाहर बैठने कहा. ऐसे में वो बैंक के बाहर चला गया और बाहर बेहोश हो गया. पास खड़े लोगों ने पदमसिंह को रामगढ़ के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

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चिकित्सकों के अनुसार पदमसिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो सकती. इस संबंध में जब शाखा प्रबंधक से बात की तो उन्होनें इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर की. हालांकि, परिजनों की ओर भी कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है.

बता दें, रामगढ़ स्थित एक मात्र राष्ट्रीयकृत बैंक में इन दिनों केसीसी नवीनीकरण का काम चल रहा है. बैंक के बाहर सुबह से ही लंबी लाइन लग जाती है और उन लाइनों में बुजुर्ग भी खड़े रहते हैं, जबकि सीनियर सिटीजन के लिए बैंक में लेन-देन करने में प्राथमिकता देने का प्रावधान है, लेकिन बैंक प्रबंधन इस ओर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दे रहा है.

शाखा प्रबंधक राहुल कुमार का कहना है बैंक में कर्मचारियों की कमी होने के कारण काम करने में परेशानी हो रही है. यहां खाते अधिक हैं और कर्मचारी कम हैं. इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है.

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वहीं, खाताधारकों का आरोप है कि कर्मचारी उनका सहयोग नहीं करते हैं. रसूखदारों और बड़े व्यापारियों के कार्य देर रात तक बिना किसी लाइन के किए जाते हैं और आम आदमी का काम 5 से 6 घण्टे लाइन में खड़े रहने के बाद भी नहीं हो पाता है.

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