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जैसलमेर: चिकित्सकों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज हुआ गबन का मुकदमा

जैसलमेर में एक आईटीआई कार्यकर्ता ने पोकरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों और कर्मचारियों के खिलाफ पोकरण थाना में मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

Jaisalmer News,  embezzlement lawsuit filed against doctors
पोकरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

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Published : Apr 24, 2021, 3:50 PM IST

जैसलमेर. जिले के पोकरण पुलिस थाना में पोकरण शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों और कर्मचारियों के खिलाफ चौहटन के आईटीआई कार्यकर्ता ने मुकदमा दर्ज करवाया है. पोकरण पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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उन्होंने मुकदमे में बताया कि वर्ष 2015-16 में आरएमआरएस योजना के तहत ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद, कपड़े धुलाई कार्य, बिजली उपकरण रिपेयरिंग, छपाई का कार्य, जनरेटर का ईंधन, गटर लाइन बिछाना, पानी सप्लाई उपकरण, साफ सफाई सामान, स्टेशनरी का सामान, वेतन, कंप्यूटर व उसके उपकरण, पेंटिंग कार्य, दवाईयां खरीद, टेंडर के लिए विज्ञापन, बिजली बिलों का भुगतान जिसमें 18 लाख 10 हजार 887 रुपए का गबन किया है.

वहीं, वर्ष 2016-17 में इन्हीं कार्यों में 32 लाख 52 हजार 749 का गबन किया गया. वर्ष 2017-18 में इन सभी कार्यों के साथ साथ वाहन रिपेयरिंग, लेब एक्सरे का सामान, सीए को भुगतान, भवर रिपेयरिंग का कार्य, फर्नीचर खरीद आदि निर्माण कार्य में कुल 37 लाख 58 हजार 704 का गबन किया गया.

मुकदमे के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से प्राप्त राशि में से 2 लाख 55 हजार 863 रुपए खर्च किए गए. आरएमआरएस योजना के तहत स्वास्थ्य सामुदायिक केन्द्र में इंटरलॉकिंग का कार्य एमएसआरआर कंस्ट्रक्शन कंपनी मंगलपुरा को कुल 4 लाख 71 हजार 346 रुपए का भुगतान किया गया. आरएमआरएस योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इंटरलॉकिंग का कार्य मैसर्स बालाजी ट्रेडिंग कंपनी को दिया गया, जिसमें एक ही कार्य को दो बार दिखाकर भुगतान उठाया गया.

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आरएमआरएस योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अलग-अलग फॉर्मों के बिल लगाकर भुगतान किया गया, जिसमें कई फॉर्मों के फर्जी बिल लगाकर चोरी कर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया. उच्चाधिकारियों ने आपस में मिलकर जानबूझकर षड्यंत्रपूर्वक राजकोष को नुकसान पहुंचाकर लाखों रुपए का गबन किया है.

साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विभिन्न योजनाओं, वित्तीय, भौतिक अनियमितताएं बरतते हुए और घटिया क्वॉलिटी की सामग्री का उपयोग किया गया. जिसको दस्तावेजों में दर्शाकर फर्जी और गलत तरीके से 95 लाख रुपए का भुगतान कर गबन किया गया. जिस पर पोकरण पुलिस थाना ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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