पोकरण (जैसलमेर). क्षेत्र रामदेवरा गांव में गुजरात के भावनगर से राणा भगत अपने समर्थकों के साथ पैदल यात्रा करते हुए बीते दिनों रामदेवरा पहुंचे. वे 10 दिन में 5 सौ किमी का सफर पूरा कर बाबा की समाधि पर दर्शन करने पहुंचे लेकिन बाबा के दरबार बंद होने से दर्शन करने की जिद को लेकर राणा भगत मुख्य द्वारा पर ही आसन लगा कर बैठ गए.
राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश व्यापी जन अनुशासन पखवाड़ा लगाने की वजह से धार्मिक स्थल बंद है. ऐसे में बाबा रामदेव का समाधि स्थल भी 16 अप्रैल की शाम से बंद है लेकिन बाबा के परम भक्त माने जाने वाले गुजरात के राणा भगत मुख्य द्वार के सामने ही जिद करके आसान लगा करके बैठ गए हैं कि जब तक उन्हें बाबा की समाधि के दर्शन नहीं होंगे, तब तक वह मुख्य द्वार के सामने से नहीं उठेंगे. इस संबंध में समाधि समिति के पदाधिकारियों को जानकारी मिलने पर उन्होंने भी मुख्य द्वार के पास पहुंचकर राणा भगत से समझाइश की.
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प्रदेश व्यापी जन अनुशासन पखवाड़ा होने के कारण मुख्य द्वार नहीं खुलेंगे. अन्य भक्तों की तरह आप भी मुख्य द्वार से ही दर्शन करके अपने गंतव्य स्थल की तरफ प्रस्थान करें लेकिन उन्होंने जिद कर ली कि जब तक दर्शन नहीं करेंगे, तब तक यहां से नहीं जाएंगे. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस थाना अधिकारी रामदेवरा दलपत सिंह चौधरी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने गुजराती भगत से समझाइस की. वे बिना कुछ खाए पिए अपने समर्थकों के साथ बाबा की समाधि के दर्शन करने की मांग को लेकर मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बैठे रहे.
गौरतलब है कि जन अनुशासन पखवाड़ा होने के बाद भी देश के अलग-अलग स्थानों से बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का क्रम बना हुआ है. अधिकांश श्रद्धालु यहां पहुंचकर समाधि के दर्शन करने के बाद अपने अपने गंतव्य स्थानों की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं लेकिन गुजरात से आए राणा भाई दर्शन करने की मांग को लेकर मुख्य प्रवेश द्वार के सामने आसन लगाकर मौन धारण कर बैठ गए.