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पंचायतीराज चुनाव में टिकट न मिलने से आहत कांग्रेस कार्यकर्ता ने काटी हाथ की नस - कांग्रेस कार्यकर्ता ने नस काटी

जैसलमेर जिले में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता प्रदीप बारूपाल ने अपने दोनों हाथों की नसें काट ली. प्रदीप को पंचायतीराज चुनाव का टिकट नहीं मिला जिससे आहत होकर उसने ऐसा कदम उठा लिया. प्रदीप ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाला जो तेजी से वायरल हो रहा है.

जैसलमेर की खबर, Jaisalmer news
कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने हाथ की नस काट ली

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Published : Nov 7, 2020, 3:19 PM IST

जैसलमेर. पंचायतीराज चुनावों से पहले ही जैसलमेर जिले में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता प्रदीप बारूपाल ने अपने दोनों हाथों की नसें काट लीं. मामला चुनाव में टिकट बंटवारे का है. प्रदीप को पंचायतीराज चुनाव का टिकट नहीं मिला जिससे आहत होकर उन्होंने अपने हाथों की नस काटकर जान देने का प्रयास किया. प्रदीप ने नस काटते वक्त का वीडियो सोशल मीडिया पर लाइव किया, लेकिन कुछ देर बाद उस वीडियो को हटाया और सोशल मीडिया पर एक अन्य वीडियो साझा किया.

कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने हाथ की नस काट ली

जिसमें वो पंचायतीराज चुनावों में पैराशूट उम्मीदवार डॉ. बीके बारूपाल जो कि सीएमएचओ से हाल ही में वीआरएस लेकर राजनीति के मैदान में ताल ठोंकना चाहते हैं, उनके और जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

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कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रदीप बारूपाल जो लंबे समय से कंग्रेस से जुड़े हुए हैं और पंचायतीराज चुनावों में जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उसी वार्ड में आम कार्यकर्ताओं को टिकट ना देकर अन्य लोगों को टिकट देने को लेकर काफी नाराज हो गए. जिसके बाद उन्होंने नाराजगी प्रकट करते हुए अपने हाथों की नस काट ली. कार्यकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि यदि इसी तरीके से पैराशूट उम्मीदवारों को ही उतारना है तो आम कार्यकर्ताओं को भ्रमित क्यों किया जाता है. उन्हें साफ कह दिया जाना चाहिए कि बिना पैसों के कुछ नहीं होगा.

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प्रदीप बारूपाल ने इस दौरान विधायक रूपाराम पर आरोप लगाया और कहा कि वे पिछले 25 सालों से पार्टी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और विधानसभा चुनावों में अपने परिवार को छोड़ चुनावों में पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए थे, लेकिन इस बार विधायक अपने चहेते को वीआरएस दिलाकर चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं और पार्टी के सच्चे और आम कार्यकर्ताओं का हक मारना चाहते हैं.

पंचायतीराज चुनावों से पहले एक तरफ कंग्रेस जहां फकीर परिवार और रूपाराम गुट में बटी हुई है. इसी बीच एक आम कार्यकर्ता का इस तरीके से सामने आना और विरोध दर्ज करवाना कंग्रेस के लिए एक परेशानी बन सकती है.

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