जैसलमेर.जिले में टिड्डी दलों ने किसानों और पशुपालकों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. लगातार टिड्डी दल जैसलमेर के विभिन्न इलाकों में पहुंच रहे हैं. टिड्डी नियंत्रण विभाग के प्रयास नाकाम होते नजर आ रहे हैं. कभी नाचना तो कभी भारेवाला में टिड्डी दल ने हमला किया है. साथ ही फील्ड फायरिंग रेंज में भी टिड्डी दलों ने डेरा जमा लिया है. फिलहाल पोछीना, नाचना, नोख, नहरी क्षेत्र के 6 टीबा और हमीरनाडा में टिड्डी फाका दल दिखाई दिया. आसपास के गांवों में फाका दल मौजूद है और चार दिन से उन पर नियंत्रण करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अब संकट यह है कि इस बार बारिश तो पर्याप्त हो गई, लेकिन पशुओं के लिए अकाल की स्थिति बन सकती है. इसकी वजह फाका दल है. जिले में कई इलाकों में फाका दल मौजूद है और पाकिस्तान से भी लगातार आ रहे हैं. आगामी एक माह में ये फाका दल बड़ी टिडि्डयों का रूप ले लेंगे और पशुओं के लिए उगे हरे चारे पर संकट के बादल छा जाएंगे. पशुपालकों के सामने मुसीबत खड़ी हो जाएगी. इंद्रदेव की मेहरबानी से चारे की पैदावार तो होगी, लेकिन पशुओं को राहत नहीं मिलेगी.
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बताया जा रहा है कि ये फाका दल पाकिस्तान से लगातार आ रहे हैं. हाल ही में नाचना इलाके में नियंत्रण किया गया तो उसके बाद भारेवाला और पोछीना में फाका दल पहुंच गए. वहीं, पाकिस्तान ने अपनी सीमा के अंदर 50 किमी पहले तक तो टिड्डी पर नियंत्रण के प्रयास किए. लेकिन सीमा के नजदीक किसी भी तरह के प्रयास नहीं किए, जिससे वहां पर करोड़ों से भी ज्यादा टिडि्डयों ने प्रजनन किया और अब फाका दल जैसलमेर के इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं. पिछले दो माह से पाकिस्तान से लगातार सीमावर्ती क्षेत्र में टिड्डी का हमला जारी है. अब तो फाका टिड्डी पनप चुका है और किसानों के खेतों की बाड़ पर देखा जा रहा है. इससे किसानों को फसलों की चिंता सता रही है. क्षेत्र में पिछले दिनों बरसात के बाद किसान खेतों की देखभाल में जुटे हैं. कई स्थानों पर फसल अंकुरित भी हो रही है, लेकिन टिड्डी फाके ने किसानों की नींद उड़ा दी है. जून माह के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ टिड्डी का हमला लगातार चल रहा है. जो टिड्डी दल पहले दौर में पहुंच था, उनके बच्चे फाके के रूप में लाखों की संख्या में निकल रहे हैं. बारिश के बाद किसानों ने बुवाई प्रारंभ कर दी है और खेत के चारों तरफ मेड़बंदी और बाड़ बनानी शुरू कर दी है. बाड़ों के पास भारी मात्रा में आ रही टिड्डियों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों को भय सता रहा है कि फसल उगने के साथ ही टिड्डी सफाया कर देगी.