जैसलमेर. जिले में ट्रक मालिकों और आरएसएमएम के ठेकेदार के बीच चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ट्रक मालिकों और आरएसएमएम के ठेकेदारों के बीच चल रहे लाइमस्टोन की ढुलाई दरों को लेकर उपजे विवाद का परिणाम यह हुआ कि अब धीरे-धीरे ट्रकों के पहिए थमने लगे हैं.
16 अगस्त से जैसलमेर ट्रक यूनियन के बैनर तले शुरू हुआ या विरोध अभी जारी है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है. हालांकि ट्रक मालिकों ने अब अपने ट्रक खड़े करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस एस्कॉर्ट में ठेकेदार की गाड़ियां ढुलाई कर रहीं हैं. ट्रक यूनियन के अध्यक्ष कंवराज सिंह जाम का आरोप है कि नए टेंडर के अनुसार लाइम स्टोन ढुलाई रेट जहां 137 रुपए प्रति टन है वहीं ठेकेदार उसमें से केवल 42 रुपए प्रति टन ट्रक मालिकों को देना चाहते हैं और शेष अपने पास रखना चाहता हैं. जबकि प्रति टन ढुलाई का खर्च ही 50 रुपए आ जाएगा. ऐसे में इस रेट पर ट्रक संचालक काम नहीं कर सकते.
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ट्रक यूनियन अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार जानबूझकर यह सब कर रहा है ताकि वह इन ट्रक मालिकों और संचालकों का रोजगार छीन सके. उनका कहना है कि पिछले 20 सालों से यहां एक व्यवस्था के चलते जो भी ठेकेदार आता है वह एक रेट तय करता है और उसके अनुसार ही सब ट्रक चलते हैं. लेकिन इस बार जो ठेकेदार हैं वह अपनी जिद्द पर अड़े हैं.