जैसलमेर. कोरोना काल के बीच जहां काम धंधे पूरी तरह से ठप पड़े हैं. ऐसे में देश के मजदूरों को बेरोजगारी से बचाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जा रही, मनरेगा योजना के तहत सरहदी जिले जैसलमेर में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है. जिसमें ग्राम विकास अधिकारी की ओर से मजदूरों के भुगतान के एवज में रिश्वत लेने का प्रयास किया गया. लेकिन ACB की टीम ने उसे रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया.
सीतोडाई ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी बलवंतसिंह की ओर से पंचायत में चल रहे, मनरेगा कार्यों में काम कर रहे मजदूरों के भुगतान को वेरीफाई करने के लिए प्रति मजदूर 100 रुपये के हिसाब से 50 मजदूरों से 5 हजार रुपए की मांग की थी. जिस पर मनरेगा कार्य में लगे जितेन्द्र सिंह, भोपाल सिंह और कालू सिंह की ओर से इस प्रकरण की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को की गई.