पोकरण (जैसलमेर). 5 साल पहले केंद्र सरकार की ओर से बीपीएल व जरूरतमंदों के लिए उज्जवला गैस योजना शुरू की थी, जो आज बंद होने के कगार पर दिखाई दे रही है. जिन लोगों ने उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन प्राप्त किए थे, उनमें से 80 प्रतिशत लोग गैस सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे हैं.
उज्जवला योजना के 80 प्रतिशत लोग नहीं रिफिल करवा रहे सिलेंडर इस बारे में पोकरण गैस एजेंसी संचालक से बात की तो उन्होंने बताया कि सिलेंडर की कीमत में 50 से 60 प्रतिशद वृद्धि होना, मिलने वाली सब्सिडी में 3 गुना गिरावट आना तथा सबसे बड़ा कारण पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के कारण काम धंधे बंद होना मान रहे हैं. देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्थिति बहुत ही खराब है. यहां के लोग गैस बुकिंग लगभग कराना ही बंद कर चुके हैं. ग्रामीण इलाकों के परिवार पहले की भांति ही लकड़ियां जलाकर चूल्हे पर पर अपना खाना पक्का रहे हैं.
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पोकरण गैस एजेंसी संचालक सुषमा विश्नोई ने बताया कि पोकरण गैस एजेंसी की ओर से उज्जवला योजना के तहत 9700 कनेक्शन दिए हुए हैं, जिनमें से 20 प्रतिशत लोग ही गैस रिफिल कराते हैं तथा 80 प्रतिशत लोगों ने गैस रिफिल कराना बंद कर दिया है. कोरोना काल में 14 महीने से सब्सिडी बंद होने पर गैस सिलेंडर के भाव 523 से बढ़कर 813 रुपये होने से कई उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन लेने वाले लोगों ने सिलेंडर लेना बंद कर दिया है.
इसका मुख्य कारण महंगाई की मार, पहले सिलेंडर 523 मिलता था. अब वो सिलेंडर साढ़े 800 रुपये का होने से लोगों ने गैस रिफलिंग कराना बंद कर दिया. हमारे संवाददाता ने उज्जवला योजना के तहत जिनको कनेक्शन मिले थे. उनसे रूबरू होकर गैस रिफिलिंग नहीं कराने की जानकारी प्राप्त की.