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जैसलमेर : पक्षी पर्यटन को लग सकते हैं पंख, बर्ड फेयर में पहली बार दिखे 36 प्रजातियों के 1545 प्रवासी पक्षी

जैसलमेर में आयोजित बर्ड फेयर में पहली बार क्षेत्र के 13 तालाबों में 36 प्रजातियों के 1545 प्रवासी पक्षी देखे गए हैं. जिसके बाद जिले में पक्षी पर्यटन के लिये संभवानाएं नजर आ रहीं हैं.

migratory birds in Jaisalmer, जैसलमेर में पक्षी पर्यटन
जैसलमेर में पक्षी पर्यटन के लिए संभावनाएं

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Published : Feb 14, 2020, 9:45 PM IST

जैसलमेर.पीत पाषाणों से सज्जित किले, हवेलियों, रेगिस्तान, लोक कला संस्कृति और परंपराओं के लिये विख्यात जैसलमेर में अब पक्षी पर्यटन के लिये भी अपार संभवानाएं नजर आ रही हैं. जिले में परंपरागत पेयजल स्रोत पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. जहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का प्रवास निरंतर देखा जा रहा है.

जैसलमेर में पक्षी पर्यटन के लिए संभावनाएं

हाल ही में डीएनपी की ओर से बर्ड फेयर का आयोजन किया गया. जिसमें जैसलमेर आने वाले प्रवासी पक्षियों की गणना शुरू की गई. इस गणना में जैसलमेर आने वाले प्रवासी पक्षियों के सुखद और आश्चर्यजनक आंकड़े सामने आए है. गणना के दौरान जैसलमेर के 13 तालाबों और नाड़ियों पर 36 प्रजातियों के 1545 पक्षी दिखाई दिए है.

वन्य जीव प्रेमियों के अनुसार जैसलमेर में सामने आया यह आंकड़ा शानदार है. उनका कहना है कि मात्र 13 लोकेशन पर पन्द्रह सौ से ज्यादा पक्षी दिखना एक सुखद अनुभव है. वहीं जैसलमेर के अन्य तालाबों पर भी प्रवासी पक्षी भारी मात्रा में विचरण कर रहें है.

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वहीं इस सम्बन्ध में IFS सागर पवार ने बताया की जिले के 13 जल स्रोतों के किनारे प्रवासी पक्षियों की गणना की की गई, जिसमें 36 प्रकार के विभिन्न प्रजातियों के 1545 पक्षियों का विचरण देखा गया है. यह हमारे लिए भी सुखद आश्चर्य है, कि जिले में इतने प्रवासी पक्षी विचरण करते हैं.

बता दें कि आयोजित पक्षी उत्सव में इन 13 तालाबों पर 36 अलग-अलग प्रजातियों को देखा गया है. जिनमें बार हैडेड गोस, ब्लैक विंग्स स्टील्ट, कैटल कूएग्रेट, कॉमन ट, कॉमन ग्रीनसेंक, कॉमन रेडसेंक, कॉमन सेंडपाइपर, कॉमन सेलडक, कॉमन स्नाइप, कॉमन टील, डलमैटीन पेलीकन, डेमोइसेल क्रेन, यूरेशियन विगन, फेरूगिनयस डक, गडवॉल, ग्रागेनी, ग्रीन सेंडपाइपर, ग्रे हेरोन, ग्रेलेग गूस, इंडियन पॉन्ड हेरोन, यूटल कॉरमोरेंट, लिटल एग्रेट, लिटल ग्रेब, लिटल रिंगर प्लॉवर, लिटल स्टींट, मैलार्ड, नॉर्थेन पिनटेल, नॉर्थेन शॉवलर, रेड क्रेसटेड पोचार्ड, रेड नेप्ड बिड्स, रेड वेटल्ड लैपिंग, रिवर टर्न, वाइट ब्रेस्टेड किंगफिशर और येलो वाटल्ड लैपिंग प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं. पक्षी प्रेमियों के अनुसार जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और वन विभाग (वाइल्ड लाइफ) को मिलकर पक्षी पर्यटन की संभावना तलाशने के साथ इसके विकास की योजना बनानी चाहिए.

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जैसलमेर बन सकता है पक्षी पर्यटन क्षेत्र

जैसलमेर विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान स्थापित कर चुका है. ऐसे में जैसलमेर आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए सार्थक प्रयास किए जाएं, तो ये प्रवासी पक्षी जैसलमेर आने वाले सैलानियों के लिए नए पर्यटन का एक केंद्र बन सकते है. वन विभाग की ओर से फिलहाल 13 तालाबों पर ही पक्षियों की गणना की गई. लेकिन उनके अलावा जिले में ऐसे सेंकड़ों तालाब हैं, जहां वन विभाग नहीं पहुंचा है. इन तालाबों पर भी खासी तादाद में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जाते है. ऐसे तालाबों को चिन्हित करके पक्षी पर्यटन क्षेत्र बनाया जा सकता है.

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