जैसलमेर. जिले में पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर और स्टांप लगाकर कूट रचित तरीके से दस्तावेज तैयार करने के गोरखधंधे का कोतवाली थाना पुलिस ने भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने पड़ताल के बाद इस मामले में शुरुआती दौर में दलाल शंभू सिंह, टाइपिस्ट अशोक खत्री और फर्जी सील बनाने वाले गोल्डन स्टेशनर्स के इरफान खान को गिरफ्तार किया था. दलाल के पास से पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील और कई अन्य कागजात पर फर्जी हस्ताक्षर भी मिले थे. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने हाल ही में एक टाइपिस्ट जितेंद्र खत्री और उपखंड अधिकारी कार्यालय में ही कार्यरत लिपिक अनोप सिंह को भी गिरफ्तार किया है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में पौंग बांध परियोजना के कारण विस्थापित हुए लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में भूमि आवंटित की गई है, चूंकि यह भूमि प्रतिबंधित क्षेत्र में है, इसलिए लोगों को अपनी जमीन पर जाने के लिए एसडीएम कार्यालय से अनुमति लेनी पड़ती है. एसडीएम कार्यालय से अनुमति प्राप्त करने के लिए एक चरित्र प्रमाण पत्र को पुलिस की ओर से सत्यापित करवाना होता है और ऐसे ही एक मामले में आए कुछ लोगों को वेरिफिकेशन के लिए पुलिस से चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापित करवाने के दौरान उनका संपर्क कलेक्ट्रेट परिसर में ही दलाल शंभू सिंह से हुआ और उसने 25,000 लेकर उनका चरित्र प्रमाण पत्र हाथों-हाथ बनवा कर दे दिया, जिस पर एक ही दिन में कागजात के वेरिफिकेशन हो जाने पर एसडीएम को संदेह हुआ और जब पड़ताल करवाई गई तो इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.