युवाओं ने आगामी बजट से जताई ये उम्मीदें जयपुर.गहलोत सरकार 10 फरवरी को वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेगी. चुनावी वर्ष होने के चलते सरकार का फोकस युवाओं को आकर्षित करने पर रहेगा. विभिन्न मंचों से सीएम अशोक गहलोत इस बजट को युवाओं और छात्रों को समर्पित होने की बात कह चुके हैं. इसके चलते प्रदेश के युवाओं की भी सरकार से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में युवाओं ने इस बजट में नई वैकेंसी, स्किल डेवलपमेंट, स्कूल और कॉलेज शिक्षा में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ प्रदेश में आईटी हब विकसित करने को लेकर अपेक्षा जताई है. साथ ही पेपर लीक जैसे प्रकरणों के खिलाफ नकेल कसने को लेकर सख्त कानून लाए जाने की भी उम्मीद है.
प्रदेश में बेलगाम कोचिंग सेंटर और प्रतियोगिता परीक्षाओं में लगातार हो रहे पेपर लीक के प्रकरणों से प्रदेश के युवाओं में आक्रोश है. यही वजह है कि वो एक सुर में कठोर कानून लाने की मांग भी कर रहे हैं. युवाओं को सरकार से उम्मीद है कि जब राज्य सरकार युवाओं के लिए बजट लाने का दम भर रही है तो उसमें पेपर लीक के प्रकरणों और कोचिंग सेंटर की मनमानी के खिलाफ सख्त कानून लाया जाना प्राथमिकता हो. प्रदेश के युवाओं ने बताया कि जितनी भी प्रतियोगिता परीक्षा हो रही हैं, उसमें निष्पक्षता और पारदर्शिता हो.
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आईटी हब विकसित होने चाहिए : युवाओं का कहना है कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया के लिए 2 से 3 साल का इंतजार करना पड़ता है. इसमें भी पेपर लीक जैसे प्रकरण सामने आते हैं. ऐसे में कोई कठोर फैसला लेते हुए राज्य सरकार को इस बजट में घोषणा करनी चाहिए. इसके अलावा छोटे शहर और तहसील स्तर पर भी कोचिंग खोले जाने चाहिए. दूसरे बड़े शहर बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम की तर्ज पर राजस्थान में भी आईटी हब विकसित होना चाहिए. पर्यटन के अलावा इन क्षेत्रों में भी राज्य सरकार को इन्वेस्ट करना चाहिए.
सरकारी स्कूलों पर भी दी जाए ध्यान :युवाओं ने सरकार से अपेक्षा जताई है कि ज्यादा से ज्यादा गवर्नमेंट सेक्टर में भर्तियां निकाले जाएं. इसके अलावा युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर भी फोकस किया जाए, ताकि युवा अपने स्टार्टअप भी शुरू कर सके. उनका कहना है कि जयपुर के अलावा दूसरे शहरों में भी स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जाने चाहिए. युवा का कहना है कि बजट में स्कूली शिक्षा पर ज्यादा से ज्यादा खर्च किया जाए. सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी पर सरकार को फोकस करना चाहिए.
उनका कहना है कि स्कूलों में स्पोर्ट्स इक्विपमेंट भी उपलब्ध कराया जाए. जहां ये सुविधा पहले से मौजूद है, उनके स्तर में सुधार किया जाए. ये काम सिर्फ जिला स्तर पर नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में भी किया जाए. उनका कहना है कि कृषि विश्वविद्यालयों में अनुसंधान नहीं हो रहे हैं. यूनिवर्सिटीज में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. इन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई तो हो रही है लेकिन प्लेसमेंट पर फोकस नहीं है. इसे लेकर भी राज्य सरकार को बजट में घोषणा करनी चाहिए.
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युवाओं की बजट से ये भी अपेक्षा :
1.प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती हो.
2.युवा बेरोजगार छात्रसंघ आयोग बनाया जाए.
3. प्रदेश के बेरोजगारों को भर्ती परीक्षाओं में प्राथमिकता दी जाए.
4. विभागों में रिक्त पद पर प्रतिवर्ष भर्ती हो.
5. पूर्व में की गई बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारा जाए.
6. पंचायती राज जेईएन, दंत चिकित्सक, पीटीआई, लाइब्रेरियन, कनिष्ठ अनुदेशक के पदों पर बजट घोषणा के अनुसार भर्ती की जाए.
7. एक ऐसा कानून लाया जाए जो भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक न हो.
8. पेपर लीक के आरोपियों पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान हो.
9. आगामी भर्ती परीक्षाओं के लिए राजपासा या रासुका लागू किया जाए.
10. कोचिंग सेंटर मनमानी पर नकेल कसने के लिए एक्ट लाया जाए.
बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि इस बजट से आशा है कि युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार के पास ये आखिरी मौका होगा कि युवाओं के गुस्से को कम करते हुए, उन्हें अपने पाले में लाया जाए. पेपर लीक होने की वजह से युवा आक्रोशित हैं. यदि इस बजट में युवाओं को संतुष्ट नहीं किया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम कांग्रेस सरकार को भुगतने पड़ सकते हैं.