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Rajasthan Budget 2023: गहलोत सरकार लाएगी युवाओं के लिए बजट, यूथ कर रहा है इन सौगातों का इंतजार

राजस्थान की गहलोत सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने वाली है. इसे लेकर युवाओं को काफी उम्मीदें (Youth expectation from Rajasthan Budget 2023) हैं. रूकी भर्तियों और नई भर्तियों के इंतजार में युवाओं की सरकार से उम्मीदें कुछ ज्यादा ही उम्मीदें हैं. इस रिपोर्ट में पढ़िए क्या है युवाओं को उम्मीदें और सरकार क्या करने जा रही है...

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Rajasthan Budget 2023: गहलोत सरकार लाएगी युवाओं के लिए बजट, यूथ कर रहा है इन सौगातों का इंतजार

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Published : Jan 5, 2023, 6:09 PM IST

Updated : Jan 7, 2023, 1:54 PM IST

उपेन यादव ने गहलोत सरकार की मंशा पर खड़े किए सवाल...

जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू होने वाला है. माना जा रहा है कि साल के दूसरे महीने की शुरुआत में गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाले हैं. जाहिर है कि इस बजट को लेकर सीएम पहले ही बता चुके हैं कि वे युवाओं पर पूरा फोकस करेंगे. इसके पहले वाले बजट में गहलोत ने किसानों पर केन्द्रित रखा था. बीते साल 25 सितंबर को राजस्थान में सियासी संकट के हालात पैदा हो गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 अक्टूबर को मौजूदा बजट की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी. उस समय गहलोत सरकार ने प्रदेश में जल्दी बजट लाने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि अगला बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित रहेगा. बजट पर गहलोत के बयान के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार का बजट बाकी सालों के मुकाबले जल्दी आएगा.

युवाओं की मांग, रोजगार पर हो ध्यान: साल 2023 में विधानसभा चुनाव हैं. इसके मद्देनजर इस बार का बजट पूरी तरह से चुनाव पर फोकस रहने की उम्मीद है. सरकार कोशिश करेगी कि बजट में सभी वर्गों को साधा जाए, ताकि विधानसभा चुनाव में फायदा मिले. बजट में नई योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को लेकर प्रावधान किये जाने की उम्मीद (Youth expectation from Rajasthan Budget 2023) रहेगी. राजस्थान के बजट को लेकर युवाओं की उम्मीद है कि बजट को आम जन हितैषी बनाने की कवायद होनी चाहिए. प्रदेश के युवा शिक्षा बजट को दोगुना चाहते हैं, उनकी मांग है कि प्रोफेशनल एजुकेशन के लिए नए संस्थान खोले जाएं, ताकी कौशल विकास के साथ रोजगार संसाधनों का विकास हो सके. खास तौर पर प्रदेश के पर्यटन सेक्टर में मौजूद संभावनाओं को लेकर कोई ठोस प्लानिंग की उम्मीद की जा रही है. युवाओं का कहना है कि MSME सेक्टर को कर्ज और संसाधन उपलब्धता पर ध्यान दिया जाए.

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गिग कर्मियों के लिये हो सकती है सौगात: मुख्यमंत्री की ओर से बजट पूर्व संवाद को लेकर मिले संकेतों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार निजी क्षेत्र में अस्थायी कर्मचारियों को कानूनी संरक्षण प्रदान कर सकती है. इसके लिए उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर बजट में प्रावधान किये जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ, तो राजस्थान देश का पहला राज्य होगा, जहां निजी क्षेत्र के अस्थायी कर्मचारियों को लेकर कल्याणकारी नीति अमल में लाई जा रही है. जाहिर है कि ऐसे कर्मचारियों को गिगकर्मी कहा जाता है.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने जुलाई में गिग कर्मियों के बीच एक सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें उनके फायदों और चुनौतियों के बारे में पता लगाया गया था. यह साफ है कि इस क्षेत्र को उभरता हुआ माना जाता है. प्राइवेट सेक्टर में ऐप बेस्ड कंपनियों में काम करने वाले कामगारों यानी स्विगी, जोमैटो, उबर, ओला आदि जैसे कामगारों को इस दायरे में माना जाता है. उनके लिये सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे प्रावधान बनाए जाएंगे, जिससे उनकी नौकरी सुरक्षित रहे और वे शोषण से बच सकें.

भारत जोड़ो यात्रा में मिले सुझाव भी होंगे शामिल: राज्य के आने वाले बजट में युवाओं पर फोकस को लेकर होने वाले फैसलों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मिले सुझावों पर अमल हो सकता है. कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें राहुल गांधी ने पार्टी की राज्य इकाई और मुख्यमंत्री को दी थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीते चार साल में 1 लाख 35 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का दावा करते रहे हैं. वहीं करीब एक लाख नौकरियां भर्ती प्रक्रिया में बताई जा रही हैं. इस बजट में एक लाख और सरकारी नौकरियों की घोषणाएं होने की उम्मीद है. बेरोजगारों को तोहफा देते हुए पदों की संख्या में इजाफा हो सकता है. साथ ही संविदाकर्मियों को भी बड़ा तोहफा मिल सकता है.

संविदाकर्मियों का इंतजार लंबा:राजस्थान सरकार के सामने फिलहाल बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. बड़ी संख्या में प्रदेश के युवाओं को इस बार सीएम के एलान के बाद बेसब्री से बजट का इंतजार है. प्रदेश में नई नौकरियों के लिए अवसर के साथ ही युवाओं को कानूनी पेचीदगियों और नकल के साथ फर्जीवाड़े के कारण अटकी भर्तियों की राह खुलने का भी इंतजार है, जो संविदा पर हैं, उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनके नियमितीकरण की राह खोल सकती है.

मौजूदा हालात में राज्य के 90 हजार 289 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. इनमें से 44 हजार पैरा मेडिकल स्टाफ, 23 हजार 749 पंचायत सहायक, 17 हजार जेटीओ, 5697 मदरसा पैरा टीचर्स फिलहाल संविदा पर हैं, तो वहीं 3838 राजीव गांधी पैरा टीचर और लगभग 3884 शिक्षाकर्मी ठेके पर सेवाएं दे रहे हैं. इसके अलावा अलग-अलग महकमों में प्लेसमेंट एजेंसी, निविदा, डेली वेजेस और ठेके पर काम कर रहे अस्थाई कर्मी भी संविदा नियमों में खुद को शामिल करने की मांग कर रहे हैं.

इन भर्तियों पर है निगाह:राजस्थान में पंचायती राज, JEN भर्ती परीक्षा 2013 से जुड़ी करीब सात तरह की भर्तियों में 4913 पद रिक्त हैं, जिनके लिये 48 हजार के करीब आवेदनकर्ता युवा इंतजार में हैं. इसी तरह से कोविड हेल्थ असिस्टेंट के लिये 28 हजार के करीब युवाओं का इंतजार बरकरार है. प्रदेश में ANM-GNM भर्ती 2013 के 11233 पदों पर भर्ती के साथ ही सूचना सहायक, RPSC प्रोग्रामर, कंप्यूटर अनुदेशक (संस्कृत), साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं की फेहरिस्त 3 लाख तक है. पंचायती राज एलडीसी 2013 के 6029 पदों में से 4 हजार पर ज्वॉइन प्रक्रिया चालू है, जबकि बाकी खाली पदों पर हजारों युवा कतार में हैं.

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अल्पसंख्यक विभाग में 2013 में निकाली गई 6000 पदों की भर्ती पर 24 हजार आवेदकों की प्रतीक्षा है. ऊर्जा विभाग में तकनीकी और इंजीनियर के 17100 पदों के लिए 1 लाख 90 हजार आवेदन आये हैं. टेक्निकल हेल्पर के 6000 पदों पर पूरी भर्ती की मांग को लेकर 1 लाख 20 हजार के करीब अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं. इस फेहरिस्त में साल 2022 की 1765 मेडिकल ऑफिसर्स की निकाली गई भर्ती की कतार में खड़े 9400 चिकित्सक पदों की संख्या 4500 करने की मांग कर रहे हैं. इसी तरह से आयुर्वेद डॉक्टर 9800 पद मांग रहे हैं, तो पुलिस भर्ती 2018 के ही 1600 पद खाली हैं. जिनका हजारों युवा इंतजार कर रहे हैं.

रीट लेवल 2 की रद्द हुई परीक्षा के 17500 अभ्यर्थी, माध्यमिक शिक्षा में एक लाख से ज्यादा खाली पदों पर लाखों युवाओं का इंतजार, विद्युत में 500 खाली पदों जूनियर अकाउंटेंट, स्टेनोग्राफर, जूनियर असिस्टेंट पर भर्ती का इंतजार, तो JEN के लिये भी हजारों की संख्या में आवेदन राजस्थान के युवा बेरोजगारों के सब्र के इम्तिहान से कम नहीं है. प्रदेश में कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में शिथिलता की मांग को लेकर 3 हजार युवा प्रभावित हैं. तो कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में सिलेक्ट 7 हजार बेरोजगार नियुक्ति मांग रहे हैं. आदिवासी इलाकों में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग हो रही है. तो तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का 10 साल से हजारों बेरोजगार युवा इंतजार कर रहे हैं. इनमें 85 हजार थर्ड ग्रेड टीचर्स को तबादलों की अर्जियों पर अमल की उम्मीद है.

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बेरोजगारी दर की चिंता एक बड़ा मुद्दा: राजस्थान बेरोजगारी दर में देश में हरियाणा के बाद दूसरे नंबर पर आता है. दिसंबर 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में अनएम्प्लॉयमेंट रेट 24.5 फीसदी है. गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) यह आंकड़े जारी करता है. जाहिर है कि प्रदेश में 18 लाख के करीब पंजीकृत बेरोजगार हैं. सरकार एक लाख के करीब पदों पर भर्तियों के लिये आवेदन ले चुकी है. हालांकि कई बार विधानसभा में प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही रोजगार देने की प्राथमिकता से जुड़े सवाल किये गये थे. पर इसका असर नहीं देखा गया. बार-बार सरकार अपनी मजबूरी का हवाला देकर बचती हुई नजर आती है.

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने भी गहलोत सरकार पर मंशा को लेकर सवाल खड़े किए हैं. यादव ने कहा कि पहले बजट की घोषणाओं पर भी अब तक अमल नहीं किया जा सका है. उपेन यादव ने कहा कि सरकार ने घोषणा तो कर दी, पर नौकरियां अभी तक नहीं दी है. ऐसे में अब वक्त है कि सरकार को अपनी घोषणाओं पर भी अमल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुए 17 पेपर लीक पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि पेपर लीक मुक्त राजस्थान बनाने के लिए राज्य सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए.

Last Updated : Jan 7, 2023, 1:54 PM IST

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