जयपुर.राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरयूएचएस) जयपुर में गुरुवार को येलो फीवर वैक्सीनेशन सेंटर का आगाज किया गया. अफ्रीकी देशों के साथ ही कुछ मध्य अमेरिकी देशों में भी येलो फीवर का प्रकोप है. ऐसे में इन देशों की यात्रा करने से पहले टीका लगाया जाना जरूरी होता है. भारत सरकार ने बीते दिनों इस बारे में निर्देश देते हुए राजस्थान में दो केंद्रों पर येलो फीवर के टीके लगाने की केंद्रों को स्वीकृति दी थी. इनमें से एक जयपुर में आरयूएचएस में था, जबकि दूसरा जोधपुर एम्स को मान्य बताया गया था. इसके अलावा अन्य किसी भी केंद्र से लगवाए गए टीके को अवैध माने जाने की भी बात कही गई थी.
गौरतलब है कि बीते दिनों येलो फीवर के टीके की किल्लत को लेकर भी खबरें भी सामने आई थीं. जिसके बाद लोग इस टीके के लिए दिल्ली का रुख कर रहे थे. आरयूएचएस जयपुर में यह टीका हर सोमवार को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक लगवाया जा सकेगा. जबकि एम्स जोधपुर में हर हफ्ते सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक लगवाया जा सकेगा.
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जानिए क्यों जरूरी है येलो फीवर का टीकाः येलो फीवर को संक्रामक बीमारी बताया जाता है. जिसमें बुखार के साथ-साथ इस बीमारी के शिकार व्यक्ति के सिर में दर्द, मुंह, नाक, कान और पेट में रक्त स्त्राव होता है. साथ ही शरीर में पीलिया के लक्षण देखे जाते हैं. इस बीमारी के पीछे एक बैक्टीरया होता है. जो ईडीस ईजिप्टिआई प्रजाति के मच्छरों से फैलता है. यह रोग कर्क और मकर रेखाओं के बीच अफ्रीका के अलावा अमरीका के देशों में ज्यादा होता है.