जयपुर.आज 4 मार्च है. आज के दिन दुनिया भर में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के मूल कारण मोटापे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व ओबेसिटी दिवस मनाया जा रहा है. भारत में साल 1975 के बाद मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या तीन गुना हो गई है. खास तौर पर हरित क्रांति के बाद रोजमर्रा के आहार में आए परिवर्तन के कारण यहां के लोगों खासकर युवाओं में मोटापे के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों हो रही हैं. ऐसे में देश की मोदी सरकार ने इस साल मोटे अनाज को श्री अनाज का नाम देकर लोगों में जागरूकता के मकसद से साल 2023 को समर्पित किया है. वहीं, विश्व मोटापा जागरूकता दिवस पर हमने विशेषज्ञों से मोटे अनाज के फायदों के बारे में जाना और समझा कि क्यों यह सेहत के लिए जरूरी हैं. साथ ही कैसे मोटे अनाज का सेवन कर हम स्वस्थ काया अर्जित कर सकते हैं.
यह मिलेट्स हैं हमारे लिए उपलब्ध -डाइटिशियन नेहा यदुवंशी ने बताया कि हमारी हेल्दी लाइफस्टाइल में मिलेट अहम भूमिका निभा सकते हैं. मसलन बाजरा, ज्वार, रागी, राजगिरी, कुट्टू और कोडो जैसे मोटे अनाज आसानी से मिल जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन मोटे अनाजों की खासियत यह है कि यह शुगर फ्री होते हैं, जिसके कारण वेट लॉस में हमें आसानी होती है और मोटापे से लड़ने में इन मोटे अनाजों की अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आज की लाइफस्टाइल की वजह से मोटापा बढ़ रहा है. हर परिवार में कोई एक सदस्य मोटापे या डायबिटीज के कारण बीमार होता है. ऐसे में जरूरत है कि हम अपने रोज के खाने की आदत में मामूली सा बदलाव करें और गेहूं और चावल की जगह हफ्ते में कम से कम दो या तीन बार मोटे अनाज का इस्तेमाल करें.