जयपुर.चिकित्सा विभाग की ओर से प्रदेश भर में विश्व एंटीमाइक्रोबियल जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है. इस मौके पर जयपुर से चिकित्सकों का एक दल साइकिल से अलवर पहुंचा और साइकिल रैली के माध्यम से लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के प्रति जागरूक किया.
इस मौके पर एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ समय से एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन अधिक होने लगा है. इन दवाओं का सेवन चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करना जरूरी होता है. लोगों को जागरूक करने के लिए डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा की ओर से एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया जो जयपुर से अलवर पहुंची.
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चिकित्सा विभाग की ओर से वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस सप्ताह 18 से 24 नवंबर तक मनाया जा रहा है और चिकित्सकों ने अपील करते हुए कहा है कि लोगों को अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक दवाएं नहीं खरीदनी चाहिए और चिकित्सक की सलाह के बिना इनका उपयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक सेवन से शरीर में रजिस्टेंस कम होने लगता है और एक समय बाद एंटीबायोटिक दवाएं शरीर और रोग पर असर दिखाना बंद कर देती हैं. अलवर पहुंचने के बाद चिकित्सकों के दल ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, कलेक्टर डॉ जितेंद्र सोनी और एसपी डॉक्टर तेजस्विनी गौतम से मुलाकात की और विभाग की ओर से चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी.
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क्या है एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस:एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस या रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोग पैदा करने वाले रोगाणु जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंजाई तथा पैरासाइट दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं. आम बोलचाल की भाषा में किसी सूक्ष्मजीव (वायरस, बैक्टीरिया आदि) के संक्रमण के इलाज के लिए प्रयुक्त होने वाली दवा के प्रति उस सूक्ष्मजीव द्वारा प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेना ही एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस है. इसके परिणामस्वरूप मानक उपचार अप्रभावी या कम असरदार रहते हैं तथा इससे बीमारी के फैलने तथा मृत्यु की संभावना रहती है.
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दवाओं के कम प्रभावी रहने से यह संक्रमण शरीर में बना रह जाता है तथा दूसरों में फैलने का खतरा बरकरार रहता है. इससे इलाज की लागत बढ़ती है तथा मृत्युदर में इजाफा होने की आशंका बनी रहती है. आमजन में रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति जागरूकता लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक कैम्पेन के रूप में प्रदेश में 18 से 24 नवम्बर तक वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस अवेयरनेस वीक का आयोजन किया जा रहा है. डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वर्ष की थीम ‘प्रिवेंटिव एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस टूगेदर’ निर्धारित की गयी है.
रोगाणुरोधी प्रतिरोध से बचने के उपाय:डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक (एंटीमाइक्रोबियल) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. चिकित्सक ने दवा जितने दिन के लिए और जितनी मात्रा में लिखी है, उसका कोर्स पूरा करें. यदि आप कुछ दवा का प्रयोग करने के बाद बेहतर महसूस कर रहे हैं, तो भी कोर्स पूरा करें क्योंकि दवा लेने से प्रारम्भिक स्तर पर हमारे शरीर में आराम तो आ जाता है, लेकिन संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं. कोर्स बीच में छोड़ने से यह सूक्ष्मजीव धीरे-धीरे उस दवा के प्रति प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेते हैं और अगली बार जब हम बीमार होते हैं तो वह दवा पूरी तरह असरदार नहीं होती है.